सूरत : नेपाल में ट्रेकिंग के दौरान लापता बारडोली के पिता-पुत्री के शव मिले
अन्नपूर्णा पर्वत पर भारी बर्फबारी में फंसे थे दोनों; 19 दिन बाद मिले शव
सूरत। बारडोली तालुका के कडोद निवासी एक पिता और बेटी की नेपाल में अन्नपूर्णा पर्वत-3 की ट्रेकिंग यात्रा के दौरान मौत हो गई। दोनों के शव 19 दिन बाद बर्फ में दबे हुए मिले। जानकारी के अनुसार, भारी बर्फबारी के कारण वे रास्ता भटक गए थे और लौट नहीं पाए।
परिवार और स्थानीय प्रशासन के अनुसार, जिग्नेश पटेल और उनकी बेटी प्रियदर्शिनी ने 14 अक्टूबर को कडोद से नेपाल के लिए यात्रा शुरू की थी। 16 अक्टूबर को वे ट्रेन से सूरत से गोरखपुर पहुँचे, और 17 अक्टूबर को सोनौली सीमा पार करके काठमांडू पहुँचे। 18 अक्टूबर को वे बुशेशर के रास्ते मनांग जिले पहुँचे और वहाँ दो दिन एक होटल में ठहरे।
21 अक्टूबर की सुबह 6 बजे उन्होंने अन्नपूर्णा-3 की चढ़ाई शुरू की। जिग्नेश पटेल ने पत्नी जागृतिबेन को बताया था कि वे 30 या 31 अक्टूबर तक लौट आएंगे। लेकिन 26 अक्टूबर से 2 नवंबर के बीच मनांग क्षेत्र में लगातार भारी बर्फबारी हुई, जिससे रास्ते बंद हो गए और दोनों से संपर्क टूट गया।
कई दिनों तक कोई जानकारी न मिलने पर चिंतित जागृतिबेन ने कडोद पुलिस चौकी में शिकायत दर्ज कराई। नेपाल प्रशासन और स्थानीय बचाव दल की खोजबीन के बाद, दोनों के शव 19 दिन बाद बर्फ में दबे मिले।
स्थानीय समुदाय में इस घटना से शोक की लहर है। जिग्नेश पटेल सामाजिक रूप से सक्रिय व्यक्ति माने जाते थे, और प्रियदर्शिनी ने हाल ही में कॉलेज में दाखिला लिया था।
