राजकोट में पवित्र फूलों के पुनर्चक्रण का प्रशिक्षण शुरू
नगर निगम व INTEC की संयुक्त पहल, मंदिरों से जुटाए फूलों से बनेंगी पर्यावरण-अनुकूल सामग्री
राजकोट में धार्मिक स्थलों से एकत्रित पवित्र फूलों के पुनर्चक्रण और उपयोगी उत्पादों में परिवर्तित करने के उद्देश्य से ‘पवित्र अपशिष्ट के पुन: उपयोग हेतु राष्ट्रव्यापी प्रशिक्षण कार्यक्रम’ की शुरुआत हुई। यह प्रशिक्षण 3 से 6 नवंबर, 2025 तक पंचनाथ महादेव मंदिर परिसर में राजकोट नगर निगम और INTEC (भारतीय राष्ट्रीय कला एवं सांस्कृतिक विरासत न्यास) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
उद्घाटन कार्यक्रम 03 नवंबर को उपायुक्त चेतनभाई नंदनी, ठोस अपशिष्ट विभाग के अध्यक्ष नीलेशभाई जालू और पंचनाथ मंदिर के अध्यक्ष देवांगभाई मांकड़ की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले फूलों को पुनर्चक्रित कर महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करना है। इस कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को सिखाया जा रहा है कि किस प्रकार मंदिरों से निकले फूलों को पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों जैसे अगरबत्ती, प्राकृतिक रंग, जैविक खाद और हस्तनिर्मित कागज में बदला जा सकता है। कार्यक्रम में INTEC प्रतिनिधि, नगर निगम अधिकारी और स्थानीय समुदाय के सदस्य अपशिष्ट के पृथक्करण, प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन की तकनीक सीख रहे हैं।
इंटेक राजकोट चैप्टर की संयोजक एवं वास्तुकार ऋद्धिबेन शाह ने कहा, “यह पहल पर्यावरणीय जिम्मेदारी और सांस्कृतिक संवेदनशीलता का अनूठा मेल है। मंदिर केवल आस्था के केंद्र ही नहीं बल्कि परंपराओं के संरक्षक भी हैं। इस प्रयास से हम पारंपरिक ज्ञान को संजोते हुए वर्तमान पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान खोज रहे हैं।” उन्होंने पंचनाथ मंदिर ट्रस्ट को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि यह पहल राजकोट को स्थायी विरासत प्रबंधन के क्षेत्र में एक आदर्श शहर के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
