राजकोट : दीपावली पर भी सेवा में तत्पर रहे स्वास्थ्य कर्मी, राजकोट सिविल में 600 सर्जरी, 10 हजार से अधिक मरीजों का इलाज

त्योहार के दौरान 108 एम्बुलेंस ने 1,100 से अधिक आपातकालीन मामलों में पहुंचाई मदद, जनाना और पद्मकुवरबा अस्पतालों में कुल 252 शिशुओं ने लिया जन्म

राजकोट : दीपावली पर भी सेवा में तत्पर रहे स्वास्थ्य कर्मी, राजकोट सिविल में 600 सर्जरी, 10 हजार से अधिक मरीजों का इलाज

दीपावली के पावन पर्व पर जहां पूरा शहर हर्षोल्लास के साथ रोशनी और उत्सव में डूबा रहा, वहीं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अपने परिवारों से दूर रहकर लोगों की सेवा में तत्पर रहे। राजकोट सिविल अस्पताल, जनाना अस्पताल, पद्मकुवरबा अस्पताल और 108 आपातकालीन एम्बुलेंस सेवाएँ लगातार सक्रिय रहीं और इस दौरान हजारों मरीजों को उपचार प्रदान किया गया।

राजकोट पीडीयू सिविल अस्पताल की अधीक्षक डॉ. मोनाली मांकड़िया के मार्गदर्शन में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम को त्योहारी दिनों के लिए स्टैंडबाय पर रखा गया था। अस्पताल में 20 से 25 अक्टूबर के बीच 8,815 मरीजों का ओपीडी में इलाज किया गया, जबकि 1,897 भर्ती मरीजों को समुचित चिकित्सा सुविधा दी गई। इस अवधि में 189 बड़ी और 538 छोटी सर्जरियाँ सफलतापूर्वक की गईं।

डॉ. कमल गोस्वामी ने बताया कि सौराष्ट्र के सबसे बड़े प्रसूति एवं शिशु देखभाल केंद्र, जनाना अस्पताल में दीपावली के दौरान 223 नवजात शिशुओं ने जन्म लिया। इसी अवधि में 421 आपातकालीन मामलों का भी सफल निपटारा किया गया।

वहीं, आरएमओ नूतनबेन के अनुसार, पद्मकुवरबा जिला अस्पताल में 20 से 23 अक्टूबर के बीच 29 बच्चों का जन्म हुआ, जिनमें 18 सामान्य और 11 सिजेरियन डिलीवरी थीं। इसके अतिरिक्त अस्पताल में 53 आपातकालीन मरीजों तथा 149 कुत्ते के काटने के मामलों का उपचार किया गया।

त्योहारों के दौरान यात्रा में वृद्धि के कारण सड़क दुर्घटनाओं की संभावनाएँ भी बढ़ जाती हैं। ऐसे में 108 आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा ने विशेष तैयारी के साथ काम करते हुए प्रसूति, जलन, हृदय और श्वसन संबंधी आपात स्थितियों में तत्काल सहायता प्रदान की। दीपावली से लेकर भाई बिज तक, 108 टीम ने कुल 1,100 आपातकालीन मामलों को संभाला, जिनमें दिवाली के दिन 285, अगले दिन 301, नव वर्ष पर 274, और भाई बिज पर 286 मामले शामिल थे।

त्योहारों के बीच भी स्वास्थ्य कर्मियों की यह सतत सेवा न केवल कर्तव्यनिष्ठा का परिचायक है, बल्कि “स्वस्थ नव वर्ष” के संदेश को भी सच्चे अर्थों में सार्थक बनाती है। राज्य सरकार का स्वास्थ्य विभाग अपने समर्पण और मानवता के इस उत्कृष्ट उदाहरण के लिए सराहना का पात्र है।

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