राजकोट : विकास सप्ताह 2025: 24 साल के सुशासन से जगमगाता गुजरात, सौर ऊर्जा से रोशन हुआ राजकोट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सौर ऊर्जा पहल से हज़ारों घरों के बिजली बिल हुए शून्य, गोंडल और जेतपुर बने सौर ऊर्जा के अग्रणी केंद्र
गुजरात में सुशासन के 24 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 7 से 15 अक्टूबर तक “विकास सप्ताह-2025” धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई सौर ऊर्जा क्रांति एक बार फिर चर्चा में रही, जिसने हजारों घरों को रोशन करने के साथ-साथ उनके बिजली बिलों को शून्य कर दिया है। राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं और केंद्र की नीतियों के चलते राजकोट ज़िले के नागरिक ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हैं। अब यहाँ के हज़ारों परिवार बिजली बिल की चिंता से मुक्त होकर “हर घर सौर ऊर्जा, हर घर बचत” के मिशन को साकार कर रहे हैं।
गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी नीतियों ने राज्य को न केवल औद्योगिक बल्कि हरित ऊर्जा के क्षेत्र में भी अग्रणी बना दिया है। सौर ऊर्जा योजना के चलते आज राजकोट जिला सौर बिजली उत्पादन का केंद्र बन गया है।
पीजीवीसीएल के ग्रामीण सर्कल के अधीक्षण अभियंता जे.बी. उपाध्याय के अनुसार, वर्ष 2016 में जब इस योजना की शुरुआत हुई, तब केवल 7 ग्राहकों ने सौर पैनल लगाए थे, जिनसे 47 किलोवाट बिजली का उत्पादन हुआ था। लेकिन जैसे-जैसे लोगों ने इस तकनीक से मिलने वाले लाभ को महसूस किया, भागीदारी तेजी से बढ़ती गई।
वर्ष 2017 में 285 ग्राहक जुड़े और 1059 किलोवाट बिजली उत्पादन हुआ। इसके बाद लगातार वृद्धि दर्ज की गई। 2016 से 2023 के बीच 22,883 ग्राहकों ने सौर पैनल लगाए, जिससे 75,757 किलोवाट बिजली का उत्पादन हुआ। 2024-2025 में 19,816 नए ग्राहक जुड़े, जिन्होंने 62,906 किलोवाट बिजली का उत्पादन किया। कुल मिलाकर अब तक 45,652 घरों पर सौर पैनल लग चुके हैं, जिनसे 1,38,663 किलोवाट (लगभग 138 मेगावाट) बिजली का उत्पादन हो रहा है।
सौर ऊर्जा उत्पादन में गोंडल तालुका सबसे आगे है, जहाँ 11,000 से अधिक घरों में सौर पैनल स्थापित हैं और प्रतिवर्ष 35,396 किलोवाट यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है। जेतपुर तालुका दूसरे स्थान पर है, जहाँ 8,600 से अधिक घरों से प्रतिवर्ष 28,589 किलोवाट यूनिट बिजली उत्पन्न की जा रही है।