राजकोट : मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ग्राम पंचायतों को दिया 576.72 करोड़ रुपये का ‘दिवाली उपहार’
राजकोट में ‘विकसित गाँव, विकसित गुजरात’ कार्यक्रम के तहत पंचायतों को चुंगी उन्मूलन अनुदान का वितरण, स्वच्छता और महिला सशक्तिकरण में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को किया गया सम्मानित
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शनिवार को राजकोट में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम ‘विकसित गाँव, विकसित गुजरात’ के अंतर्गत ग्राम पंचायतों को 576.72 करोड़ रुपये के चुंगी उन्मूलन अनुदान का वितरण किया। यह राशि मुख्यमंत्री ने राज्य की ग्राम पंचायतों को ‘दिवाली उपहार’ के रूप में प्रदान की।
राज्य में दिवाली अमावस्या के दिन 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी, लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा अनुदान वितरण की इस घोषणा से ग्रामीण इलाकों में विकास की ‘दिवाली’ पहले ही छा गई। कार्यक्रम का आयोजन राजकोट के कालावड रोड स्थित स्वामीनारायण मंदिर सभागार में किया गया, जहाँ मुख्यमंत्री ने पंचायत प्रतिनिधियों, अधिकारियों और सखीमंडल समूहों को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में चुंगी व्यवस्था समाप्त कर व्यापार में सुगमता को बढ़ावा दिया। अब, चुंगी आय के अभाव में ग्राम विकास रुके नहीं, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा पंचायतों को करोड़ों रुपये के अनुदान दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ग्राम पंचायतों में सड़क, बिजली, पानी जैसे बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए वित्त आयोग के अनुदान में भी निरंतर वृद्धि की गई है।
भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा समरस पंचायतों को प्रोत्साहन अनुदान देने के निर्णय से ग्रामीण विकास को नई दिशा मिली है। इस वर्ष राज्य की 761 ग्राम पंचायतों ने समरसता की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पंचायत प्रशासन में युवाओं की भागीदारी बढ़ी है। वर्तमान में 42 प्रतिशत सरपंच 21 से 40 वर्ष की आयु के हैं और कई पीएचडीधारी युवा भी ग्राम सेवा में अग्रसर हैं।
कार्यक्रम में ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली पंचायतों और आठ सरकारी संस्थाओं को सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उत्कृष्ट कार्य करने वाले चार स्वयं सहायता समूहों को भी सम्मान प्रदान किया गया।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सखीमंडलों को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने ड्रोन दीदी योजना का उदाहरण देते हुए कहा कि इस योजना से महिलाएँ आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। “एक ड्रोन दीदी आज सालाना 14 लाख रुपये तक कमा रही हैं, यह देखकर अत्यंत प्रसन्नता होती है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकास कार्यों के प्रति लोगों की मानसिकता और शासन की कार्य संस्कृति दोनों में सकारात्मक बदलाव आया है। “पहले जहाँ छोटे-से-छोटे काम को स्वीकृति मिलने में महीनों लग जाते थे, वहीं आज नगर निगमों में पार्षद एक करोड़ रुपये तक के कार्यों को सहजता से पूरा कर पा रहे हैं। कार्यक्रम का समापन ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ हुआ, जहाँ मुख्यमंत्री ने पंचायतों से विकास की इस गति को बनाए रखने का आह्वान किया।