सूरत : ओलपाड के 99 गाँवों में धान की फसल तबाह, 10,500 हेक्टेयर क्षेत्र में नुकसान

बेमौसम बारिश से किसानों पर दोहरी मार; 80 प्रतिशत सर्वेक्षण पूरा, किसानों ने सरकार से राहत की उम्मीद जताई

सूरत : ओलपाड के 99 गाँवों में धान की फसल तबाह, 10,500 हेक्टेयर क्षेत्र में नुकसान

 ओलपाड तालुका में बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। तालुका के कुल 108 गाँवों में से लगभग 99 गाँवों में धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है। ओलपाड तालुका विस्तार अधिकारी (कृषि) देवेशभाई पटेल ने बताया कि खरीफ सीज़न में तालुका में कुल 25,700 हेक्टेयर में बुवाई हुई थी, जिसमें से 10,500 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है। अब तक 80 प्रतिशत सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, जिसमें लगभग 1,720 हेक्टेयर में नुकसान की पुष्टि हुई है। शेष सर्वेक्षण तेजी से जारी है।

उन्होंने कहा कि बारिश और जलभराव के कारण खड़ी धान की फसल गिर गई है, विशेषकर तटीय क्षेत्रों में स्थिति गंभीर है। मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल के निर्देशानुसार जिला कृषि विभाग द्वारा युद्धस्तर पर सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है ताकि प्रभावित किसानों को सहायता मिल सके।

कमरोली गाँव के किसान महेंद्रभाई हर्षजीभाई पटेल ने कहा कि "हमारा पूरा परिवार कृषि पर निर्भर है। 27 वीघा की धान की फसल पूरी तरह खराब हो गई है। गाँव के लगभग 75 प्रतिशत किसानों की फसल बर्बाद हुई है। सरकार से मदद की उम्मीद है ताकि अगला सीज़न संभल सके।"

इसी गाँव के किसान जिग्नेशभाई पटेल ने भी चिंता जताते हुए कहा, "हमारे गाँव में 327 हेक्टेयर में धान बोई गई थी। मैंने 30 वीघा में धान लगाई थी, जिसमें से 18 वीघा की फसल बर्बाद हो गई। गर्मियों में भी नुकसान हुआ था और अब फिर वही हाल है। सरकार से उचित मुआवजा मिले तो हम आगे खेती कर सकेंगे।"

राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि सूरत जिले में फसल क्षति को गंभीरता से लिया जा रहा है और किसान हित में त्वरित निर्णय लिए जाएँगे। कृषि विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में सर्वेक्षण तेज कर दिया है तथा रिपोर्टों के आधार पर सहायता प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। क्षेत्र में बढ़ती कृषि संकट की इस स्थिति ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है, वहीं प्रशासन से त्वरित राहत पैकेज की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं।

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