सूरत : किसानों की पीड़ा समझने नंगे पाँव खेतों में उतरे उपमुख्यमंत्री हर्ष संघवी, बेमौसम बारिश से हुए नुकसान का लिया जायजा
ओलपाड में धान की फसल हाथ में लेकर किया निरीक्षण; भावुक महिला किसान रो पड़ी, संघवी ने त्वरित सर्वे और मुआवज़े का दिया आश्वासन
सूरत : सूरत समेत दक्षिण गुजरात के कई जिलों में पिछले पाँच दिनों से हुई बेमौसम बारिश के कहर ने किसानों की तैयार धान की फसल को व्यापक नुकसान पहुँचाया है। किसानों के दर्द और नुकसान की गंभीरता को ज़मीनी स्तर पर समझने के लिए, राज्य के उपमुख्यमंत्री हर्ष सांघवी आज ओलपाड तालुका के प्रभावित खेतों में पहुँचे।
उपमुख्यमंत्री हर्ष संघवी ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए, अपने जूते-चप्पल उतारे और सूरत जिले के ओलपाड तालुका के सेलुत और दिहेन गाँवों की सीमा पर क्षतिग्रस्त धान के खेतों में पैदल ही उतर गए। उन्होंने स्वयं धान की फसल को हाथों में लिया और उसके नुकसान का बारीकी से निरीक्षण किया।
उनके इस कदम को सरकार की किसानों की पीड़ा को केवल कागज़ों पर नहीं, बल्कि वास्तविक रूप से महसूस करने की इच्छा के रूप में देखा जा रहा है। उनके साथ ओलपाड विधायक मुकेश पटेल और कृषि विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे, जिन्होंने तत्काल आधार पर नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है।
इस दौरान, सूरत जिले में किसानों की दयनीय हालत का एक भावुक दृश्य भी सामने आया। उपमुख्यमंत्री संघवी जब किसानों से बात कर रहे थे, तो सड़क पर धान सुखाने का काम कर रही एक महिला किसान अपनी बात रखते हुए रो पड़ी। उसके आँसू थम नहीं रहे थे।
हर्ष संघवी ने किसानों से सहानुभूतिपूर्वक बात की और उन्हें हिम्मत रखने की अपील की। उन्होंने आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस पूरे मामले को बहुत गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि बारिश रुकने से पहले ही नुकसान का आकलन करने के लिए सभी मंत्रियों को मैदान में भेज दिया गया है, ताकि सर्वेक्षण का काम तेज़ी से शुरू हो सके और मुआवज़े की व्यवस्था इस तरह की जाए कि किसी भी किसान के साथ अन्याय न हो।
फसलों के नुकसान के साथ-साथ किसानों ने नहर मरम्मत का मुद्दा भी उठाया, जिस पर उपमुख्यमंत्री ने अगले साल ही नहर मरम्मत का काम शुरू करवाने के लिए मुख्यमंत्री के समक्ष पुरज़ोर ढंग से बात रखने का आश्वासन दिया, जिससे किसानों को थोड़ी राहत मिली है।
