सूरत : बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने घोषित किए तिमाही परिणाम, लाभ में 5.9% की वृद्धि, एनपीए में गिरावट
वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में बैंक ने 4,809 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया
सूरत। सार्वजनिक क्षेत्र के अग्रणी बैंक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा (BoB) ने 30 सितंबर 2025 को समाप्त तिमाही एवं छमाही के वित्तीय परिणामों की घोषणा की। बेहतर आस्ति गुणवत्ता और व्यवसाय विकास में सुदृढ़ता के साथ बैंक ने लाभप्रदता में निरंतर वृद्धि दर्ज की है।
बैंक ने वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में 5.9% तिमाही-दर-तिमाही वृद्धि के साथ ₹4,809 करोड़ का शुद्ध लाभ अर्जित किया, जबकि पहली छमाही का लाभ ₹9,351 करोड़ रहा।
बैंक का परिचालन लाभ तिमाही के दौरान ₹7,576 करोड़ और पहली छमाही के लिए ₹15,812 करोड़ रहा। वहीं, शुद्ध ब्याज आय (NII) में भी 4.5% की वृद्धि हुई और यह तिमाही के लिए ₹11,954 करोड़ तथा छमाही के लिए ₹23,388 करोड़ रही।
नॉन-इंटरेस्ट इनकम और मार्जिन में सुधार : बैंक की गैर-ब्याज आय तिमाही के लिए ₹3,515 करोड़ और छमाही के लिए ₹8,189 करोड़ रही, जो वर्ष-दर-वर्ष 7% की वृद्धि दर्शाती है।
वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही के लिए वैश्विक निवल ब्याज मार्जिन (NIM) क्रमिक रूप से 5 बीपीएस बढ़कर 2.96% रहा, जबकि घरेलू NIM 4 बीपीएस बढ़कर 3.10% पर पहुंचा।
मजबूत आस्ति गुणवत्ता : बैंक ने अपनी आस्ति गुणवत्ता में सुधार बनाए रखा है। सकल एनपीए (GNPA) में वर्ष-दर-वर्ष 34 बीपीएस की कमी आई और यह 2.16% रहा। वहीं, निवल एनपीए (NNPA) 0.57% पर आ गया। बैंक का प्रावधान कवरेज अनुपात (PCR) टीडब्लूओ सहित 93.21% और टीडब्लूओ के बिना 74.13% दर्ज किया गया।
लाभप्रदता अनुपातों में सुधार : बैंक का आस्तियों पर रिटर्न (ROA) वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही के लिए 1.07% और पहली छमाही के लिए 1.04% रहा।वहीं, इक्विटी पर रिटर्न (ROE) क्रमशः 15.37% और 14.95% दर्ज किया गया।इसके अलावा, बैंक की ऋण लागत दूसरी तिमाही में घटकर 0.29% और पहली छमाही में 0.42% रही।
अग्रिम और जमा वृद्धि : बैंक के वैश्विक अग्रिमों में 11.9% और घरेलू अग्रिमों में 11.5% की वृद्धि दर्ज की गई।रिटेल सेगमेंट में मजबूत प्रदर्शन के चलते, ओर्गैनिक रिटेल अग्रिमों में 17.6% की बढ़ोतरी हुई, जिसमें मोर्गेज (19.8%), ऑटो (17.7%), गृह ऋण (16.5%), शिक्षा ऋण (14%) और वैयक्तिक ऋण (18.6%) की वृद्धि प्रमुख रही।
रिटेल, कृषि एवं एमएसएमई (RAM) पोर्टफोलियो की हिस्सेदारी वर्ष-दर-वर्ष 310 बीपीएस बढ़कर 61.7% तक पहुंच गई।
