सूरत : उगते सूर्य को अर्घ्य देकर संपन्न हुआ छठ महापर्व: घाटों पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
सूरत के डिंडोली छठ सरोवर, वियरकम कोजवे, इस्कॉन मंदिर जहांगिरपुरा सहित कई घाटों पर भक्तों ने दी उदीयमान सूर्य को अंतिम अर्घ्य
चार दिवसीय छठ महापर्व का मंगलवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ श्रद्धा और आस्था के वातावरण में विधिवत समापन हुआ। तड़के से ही शहरभर के घाटों पर हजारों श्रद्धालु एकत्र हुए और उन्होंने उषा अर्घ्य अर्पित कर लोक आस्था के इस अनोखे पर्व का समापन किया।
इस वर्ष छठ पूजा की शुरुआत 25 अक्टूबर को ‘नहाय-खाय’ के साथ हुई थी। यह पर्व हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को, दीपावली के छह दिन बाद मनाया जाता है। सूरत में डिंडोली स्थित छठ सरोवर, वियरकम कोजवे, इस्कॉन मंदिर जहांगिरपुरा, पांडेसरा, वडोद और भेस्तान सहित कई स्थानों पर भक्तजन भारी संख्या में उपस्थित रहे।
छठ पूजा के अंतिम दिन सुबह की पहली किरण के साथ ही श्रद्धालुओं ने जलाशयों के घाटों पर पूर्वाभिमुख होकर खड़े होकर उदीयमान सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया। इस दौरान घाटों पर शंखध्वनि और “जय सूर्य भगवान” के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो उठा।
श्री छठ मानव सेवा ट्रस्ट के प्रमुख राजेंद्र उपाध्याय ने बताया कि छठ सरोव पर सूरत मनपा और प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था के कड़े और पुख्ता इंतज़ाम किए गए थे। व्रती महिलाओं और पुरुषों ने निर्जला व्रत रखते हुए भगवान भास्कर की उपासना की और सूर्य के दर्शन के बाद अर्घ्य अर्पण कर व्रत का पारायण किया।
हालाँकि सुबह के समय आकाश में हल्के बादल छाए रहे, लेकिन जैसे ही सूरज की पहली किरणें बादलों के बीच से झलकीं, श्रद्धालुओं ने जल में खड़े होकर अर्घ्य अर्पित किया। इस दौरान घाटों पर आस्था, भक्ति और उल्लास का अद्भुत संगम देखने को मिला।
