सूरत : आत्मविश्वास से मंच को रोशन किया, व्हाइट लोटस इंटरनेशनल स्कूल ने दीवाली पर मनाया प्रतिभा से भरा सप्ताह
सूरत। दीवाली के उत्सव के अवसर पर, व्हाइट लोटस इंटरनेशनल स्कूल ने एक सप्ताह तक चलने वाले रंगारंग कार्यक्रमों की श्रृंखला का आयोजन किया, जिसमें रचनात्मकता, आत्मविश्वास और अभिव्यक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला।
सभी आयु वर्ग के छात्रों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई इन प्रतियोगिताओं का उद्देश्य था – स्टेज फियर को दूर करना, आत्मविश्वास के साथ मंच पर आना और कक्षा से बाहर जीवन के महत्वपूर्ण कौशलों का विकास करना।
"इस दीवाली, निडर बनें और स्टेज फियर को करें दूर"—इस संदेश के साथ स्कूल ने आत्म-विश्वास, संवाद कौशल और व्यक्तिगत विकास जैसे महत्वपूर्ण गुणों को बढ़ावा दिया, जो एक भविष्य-उन्मुख व्यक्तित्व के लिए बेहद आवश्यक हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत प्री-प्राइमरी के नन्हे छात्रों के साथ हुई, जिन्होंने कहानी सुनाने की प्रतियोगिता में भाग लिया। रंग-बिरंगे परिधानों में सजे ये छोटे बच्चे पूरे उत्साह के साथ मंच पर आए और अपने पसंदीदा किस्से सुनाए। प्रॉप्स, भाव-भंगिमा और जोशपूर्ण प्रस्तुति के माध्यम से उन्होंने जानवरों, त्योहारों और नैतिकता की कहानियों को जीवंत कर दिया। इतने छोटे बच्चों को इतनी आत्मविश्वास से मंच पर बोलते देखना एक बेहद भावुक और प्रेरणादायक क्षण था, जिसने सप्ताह के बाकी कार्यक्रमों की नींव रखी।
इसके बाद प्राइमरी सेक्शन के छात्रों की कविता पाठ प्रतियोगिता आयोजित हुई, जिसमें उन्होंने अंग्रेज़ी, हिंदी और गुजराती में कविताएं प्रस्तुत कीं। पारंपरिक छंदों से लेकर मौलिक रचनाओं तक, बच्चों ने लय, उच्चारण और भावों की सुंदर प्रस्तुति दी। उनकी परफॉर्मेंस में भाषा के प्रति बढ़ती रुचि और भावों को शब्दों में पिरोने की कला स्पष्ट रूप से दिखाई दी। कई बच्चों ने पहली बार माइक पकड़ा, और उनकी स्पष्टता, याददाश्त और आत्मविश्वास की शिक्षकों ने सराहना की।
मिडिल स्कूल के छात्रों के लिए भाषण प्रतियोगिता (Elocution) आयोजित की गई, जिसमें उन्होंने कई सोचने पर मजबूर कर देने वाले विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। विषयों में "आत्मविश्वास का महत्व," "डिजिटल इंडिया," और "स्वच्छ पर्यावरण, हरित भविष्य" जैसे विषय शामिल थे।
बच्चों ने न सिर्फ प्रभावशाली वक्तृत्व कौशल दिखाए, बल्कि सामाजिक विषयों पर अपनी समझ और चिंतनशील सोच भी प्रस्तुत की। उनकी आवाज़ में उतार-चढ़ाव, सटीक हाव-भाव और आँखों से संपर्क यह दर्शाते थे कि वे कितनी अच्छी तरह से तैयार हैं और किस आत्मविश्वास के साथ बोलना जानते हैं। यह स्पष्ट था कि स्कूल छात्रों को आत्मविश्वासी और नेतृत्वकर्ता के रूप में तैयार कर रहा है।
सप्ताह का समापन सीनियर सेकेंडरी वर्ग के छात्रों की क्विज़ प्रतियोगिता के साथ हुआ। विभिन्न हाउसेज़ में बँटे छात्रों ने करंट अफेयर्स, विज्ञान, इतिहास, तार्किक क्षमता और सामान्य ज्ञान से जुड़े कई रोमांचक राउंड्स में भाग लिया। कमरे में उत्साह और प्रतिस्पर्धा का माहौल साफ महसूस किया जा सकता था, जहाँ प्रतिभागियों ने तेज़ सोच, ज्ञान और टीम वर्क का परिचय दिया।
एक विशेष दीवाली-थीम आधारित राउंड ने प्रतियोगिता में सांस्कृतिक रंग भी भर दिया, जिसमें छात्रों की भारतीय त्योहारों, परंपराओं और विरासत की समझ को परखा गया। यह क्विज़ न सिर्फ उनके बौद्धिक विकास का माध्यम बनी, बल्कि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना भी विकसित हुई।
पूरे सप्ताह विद्यालय का वातावरण तालियों, उत्साह और प्रोत्साहन से भरा रहा। विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती पूर्विका सोलंकी ने इस अवसर पर कहा:
"दीवाली प्रकाश का पर्व है, और हम मानते हैं कि हर बच्चे के अंदर एक प्रकाश होता है, जिसे चमकने का अवसर मिलना चाहिए।
ये प्रतियोगिताएं केवल प्रतिस्पर्धाएं नहीं हैं, बल्कि ऐसे मंच हैं जहाँ हमारे छात्र अपने डर का सामना करते हैं, आत्म-विश्वास से भरते हैं और अभिव्यक्ति, साहस और नेतृत्व करना सीखते हैं। हम हर उस बच्चे पर गर्व करते हैं जिसने मंच पर आकर अपने आप को प्रस्तुत किया।"
अभिभावकों, शिक्षकों और छात्रों ने इस पहल की सराहना की और इसके प्रभाव को महसूस किया। कई अभिभावकों ने यह देखकर प्रसन्नता जताई कि उनके बच्चे इतने आत्मविश्वास से मंच पर प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं शिक्षकों ने इन अनुभवों को छात्रों के सर्वांगीण विकास में सहायक बताया।
इस सप्ताह भर चले आयोजन ने अपने उद्देश्य को पूरी तरह से सफलतापूर्वक प्राप्त किया—बच्चों को मंच के प्रति सहज बनाना, उनकी झिझक दूर करना और उन्हें आत्मविश्वास के साथ खुद को प्रस्तुत करने में मदद करना।