सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स में ‘भावनात्मक स्वास्थ्य’ पर सत्र
क्रोध और चिंता से निपटने की तकनीकों पर विशेषज्ञ ने दिए व्यावहारिक सुझाव
सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा ‘भावनात्मक स्वास्थ्य: क्रोध और चिंता पर विजय पाने की रणनीतियाँ’ विषय पर विशेष सत्र आयोजित किया गया। इस अवसर पर क्लिनिकल हिप्नोथेरेपिस्ट और माइंड ट्रेनर शिल्पा अग्रवाल ने क्रोध और चिंता पर नियंत्रण पाने के उपाय विस्तार से समझाए।
चैंबर ऑफ कॉमर्स के मानद मंत्री बिजल जरीवाला ने स्वागत भाषण में कहा कि आज की तेज-तर्रार जीवनशैली में सफलता की दौड़, पारिवारिक जिम्मेदारियाँ और पेशेवर दबाव के चलते तनाव, क्रोध और चिंता हर व्यक्ति के जीवन में प्रवेश कर रहे हैं। ये न केवल रिश्तों पर असर डालते हैं, बल्कि कार्यक्षमता और आंतरिक शांति को भी प्रभावित करते हैं।
शिल्पा अग्रवाल ने कहा कि खुशी, दुख, प्रेम, क्रोध और चिंता जैसी भावनाएँ हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। लेकिन जब क्रोध और चिंता अनियंत्रित हो जाते हैं तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकारक साबित होते हैं। उन्होंने समझाया कि भावनात्मक स्वास्थ्य का मतलब है अपनी भावनाओं को पहचानना, उन्हें स्वस्थ रूप से व्यक्त करना और उनमें संतुलन बनाए रखना।
उन्होंने सुझाव दिया कि गहरी साँस लेने की आदत, विशेषकर 4-7-8 श्वास तकनीक, तुरंत शांति प्रदान करती है। इसके अलावा ध्यान और योग, सकारात्मक सोच, भावनाओं की अभिव्यक्ति, शारीरिक व्यायाम, समय प्रबंधन और आवश्यकता पड़ने पर पेशेवर मदद लेना क्रोध और चिंता को नियंत्रित करने में कारगर है।
कार्यक्रम में आयुष समिति की अध्यक्ष डॉ. मंशाली ने वक्ता का परिचय कराया, सह-अध्यक्ष डॉ. निपेश पटेल ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। संचालन चिराग गज्जर ने किया और अंत में समिति सदस्य डॉ. जयश्री पटेल ने आभार व्यक्त किया।