सूरत : निर्मल अस्पताल में ब्रेन-डेड रामगोपाल भारद्वाज के अंगदान से एक व्यक्ति को मिला नया जीवन

डोनेट लाइफ संस्था ने 66 वर्षीय रामगोपाल भारद्वाज की किडनी का कराया दान; अंगदान में सूरत की ख्याति बरकरार

सूरत : निर्मल अस्पताल में ब्रेन-डेड रामगोपाल भारद्वाज के अंगदान से एक व्यक्ति को मिला नया जीवन

सूरत। शहर की प्रतिष्ठित संस्था डोनेट लाइफ ने एक और सफल अंगदान कर मानवता की सेवा की नई मिसाल पेश की है। सूरत के निर्मल अस्पताल में ब्रेन-डेड घोषित 66 वर्षीय रामगोपाल तोताराम भारद्वाज के परिवार ने उनकी किडनी दान कर एक ज़रूरतमंद मरीज को नया जीवन दिया।

डोनेट लाइफ संस्था के माध्यम से अब तक देश-विदेश के 1,240 से अधिक लोगों को विभिन्न अंगों के प्रत्यारोपण से नया जीवन मिला है। टेक्सटाइल और डायमंड सिटी के नाम से प्रसिद्ध सूरत अब अंगदान करने वाले प्रमुख शहरों में अपनी पहचान बना रहा है।

भेस्तान निवासी स्वर्गीय रामगोपाल भारद्वाज को 11 अक्टूबर को स्ट्रोक आने के बाद मजूरागेट स्थित निर्मल मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। विशेषज्ञ चिकित्सकों — डॉ. माधवी गौड़ा, डॉ. सिद्धेश राजाध्यक्ष, डॉ. परेश पटेल और डॉ. निसर्ग परमार — की देखरेख में इलाज जारी रहा। लेकिन मस्तिष्क में गंभीर रक्तस्राव के चलते 13 अक्टूबर को उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया।

समाजसेवी गोपाल गोस्वामी के माध्यम से डोनेट लाइफ के संस्थापक नीलेश मांडलेवाला को इस स्थिति की जानकारी दी गई, जिसके बाद संस्था की टीम अस्पताल पहुँची और परिवार को अंगदान की प्रक्रिया समझाई।

रामगोपाल भारद्वाज के पुत्र नितेश, विकेश और जितेश ने अपने पिता की दानशील प्रवृत्ति को याद करते हुए उनकी किडनी और लिवर दान करने की सहमति दी। जांच में केवल एक किडनी प्रत्यारोपण के लिए उपयुक्त पाई गई, जबकि फैटी लिवर के कारण लिवर ट्रांसप्लांट संभव नहीं हो सका। दान की गई किडनी को IKDRC, अहमदाबाद में एक मरीज को प्रत्यारोपित किया गया।

डोनेट लाइफ के मार्गदर्शन में यह प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हुई। डोनेट लाईफ संस्था की टीम में सुभाष जोधानी, निहिर प्रजापति, विशाल चौहान और भरत त्रिवेदी ने अस्पताल प्रशासन के साथ मिलकर पूरी अंगदान प्रक्रिया को संपन्न किया।

अब तक डोनेट लाइफ के माध्यम से कुल 1,347 अंग और ऊतक दान किए जा चुके हैं, जिनमें 547 किडनी, 237 लिवर, 57 हृदय, 52 फेफड़े, 9 अग्न्याशय, 8 हाथ, 1 छोटी आंत और 436 आंखें शामिल हैं। इन दानों के माध्यम से देश-विदेश के 1,242 मरीजों को नया जीवन और दृष्टि प्राप्त हुई है।

संस्था ने स्वर्गीय रामगोपाल भारद्वाज और उनके परिवार के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि उनका यह महान निर्णय सूरत को अंगदान की राजधानी बनाने के मिशन में एक और प्रेरक अध्याय जोड़ता है।

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