उकाई बाँध : संभावित जल स्तर वृद्धि के नियमन को लेकर तैयारी तेज
वर्तमान में बाँध की जल भंडारण क्षमता 345 फीट है, जबकि अभी बाँध 344 फीट तक भरा हुआ
सूरत। सूरत लोकसभा सांसद मुकेश दलाल ने जिला कलेक्टर को प्रेसनोट के माध्यम से निवेदन किया हैं कि जो दक्षिण गुजरात के किसानों, उद्योगों और लोगों की जीवनरेखा कहे जाने वाले उकाई बाँध की स्थिति इन दिनों गंभीर बनी हुई है। वर्ष 1972 में निर्मित यह बाँध मानसून के दौरान तय नियमों के अनुसार पानी का भंडारण करता है, जिससे कृषि, पेयजल और बिजली उत्पादन की जरूरतें पूरी होती हैं।
वर्तमान में बाँध की जल भंडारण क्षमता 345 फीट है, जबकि अभी बाँध 344 फीट तक भर चुका है। नियमों के अनुसार आवक और बहिर्वाह का प्रबंधन किया जा रहा है, लेकिन महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के ऊपरी हिस्सों में लगातार हो रही भारी बारिश ने चिंता बढ़ा दी है। आँकड़ों के मुताबिक, बाँध में 80-90% पानी महाराष्ट्र से और 10-20% पानी मध्य प्रदेश से आता है। आने वाले दिनों में दोनों राज्यों में भारी वर्षा का पूर्वानुमान है, जिसके चलते बाँध के ओवरफ्लो होने की आशंका जताई जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान परिस्थितियों में बाँध में आने वाले अतिरिक्त पानी को रोकना संभव नहीं होगा और उसे तापी नदी में छोड़ना ही पड़ेगा। इससे सूरत शहर और आसपास के गाँव प्रभावित हो सकते हैं। यदि अतिरिक्त पानी आता है, तो उसे तुरंत तापी नदी में नहीं छोड़ा जाए, बल्कि बाँध के फ्री बोर्ड (सुरक्षित अतिरिक्त भंडारण क्षेत्र) में यथासंभव रोका जाए।
यदि यह संभव न हो, तो केंद्रीय जल आयोग और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय करके संभावित बाढ़ का आकलन किया जाए तथा तापी नदी में नियंत्रित मात्रा में पानी नियमित रूप से छोड़ा जाए, ताकि अचानक बड़ी मात्रा में पानी छोड़ने की नौबत न आए। लोगों से अपील – नदी किनारे बसे ग्रामीणों और सूरत शहरवासियों से प्रशासन द्वारा सतर्क रहने और सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की गई है।