सूरत : श्री तिरुपति बालाजी ब्रह्म उत्सव में गुजरात की लोकसंस्कृति की झलक से मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु

सूरत : श्री तिरुपति बालाजी ब्रह्म उत्सव में गुजरात की लोकसंस्कृति की झलक से मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु

सूरत और व्यारा की तीन अकादमियों के 23 कलाकारों ने गरबा, हुडो एवं पनघट जैसे लोकनृत्यों से लूटी वाहवाही, छह महीने की बच्ची से लेकर 70 वर्ष की महिला तक ने लिया भाग

आंध्र प्रदेश के तिरुमला स्थित श्री तिरुपति बालाजी मंदिर परिसर में आयोजित श्री वारी ब्रह्म उत्सव- 2025 में इस वर्ष गुजरात की लोकसंस्कृति की झलक ने श्रद्धालुओं का दिल जीत लिया। सूरत और व्यारा के कलाकारों ने रंग-बिरंगे परिधानों और ऊर्जावान प्रस्तुतियों से भक्ति और संस्कृति का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया।

सूरत की संस्कृति एकेडमी के तेजस यादव और इशिका भोसले, शिल्प मैत्री एकेडमी की श्रीमति अमीबेन पटेल और श्रीमति चैताली शास्त्री तथा व्यारा की शिवनया एकेडमी की श्रीमति मोनिकाबेन और श्रीमति हेतलबेन के नेतृत्व में 23 विद्यार्थियों के दल ने गरबा, हुडो, सूपडू, पनघट, टिप्पणी और प्राचीन से आधुनिक गरबा जैसे पारंपरिक लोकनृत्यों का मनमोहक प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन के दौरान तेजस यादव, कैलाश यादव, पूजा मकवाना, कशिश परमार, तमन्ना परमार, तमन्ना जाजू, संकेत यादव, कृतिका धुपड, सूर्यंशी गर्ग, हेमलता अट्टरवाला, मोनिका गामीत, हेतल चौधरी, चार्मी, ध्रुवांश, जुगल गामीत, नक्ष, मिताक्षी मकवाना, तनिष्क जाजू और रामकुंवर परमार सहित सभी कलाकारों ने अपनी कला से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

इस समारोह की विशेषता यह रही कि इसमें 6 महीने की बालिका मिताक्षी से लेकर 70 वर्षीया रामकुंवरबेन तक सभी आयु वर्ग के प्रतिभागी शामिल हुए, जिसने इस सांस्कृतिक प्रस्तुति को और भी भावनात्मक और प्रेरणादायक बना दिया। गुजरात की भाटीगल संस्कृति की यह प्रस्तुति न केवल दर्शकों के लिए आनंद का विषय बनी, बल्कि भक्ति, लोककला और परंपरा के अद्भुत संगम का जीवंत उदाहरण भी साबित हुई।

Tags: Surat