सूरत : विश्व जागृति मिशन वेसू में आयोजित बाल संस्कार केंद्र की चौथी कार्यशाला संपन्न

संत सुधांशु जी महाराज के आशीर्वाद से हुई कार्यशाला में बच्चों ने सीखे जीवन मूल्यों के साथ खेलकूद में भी दिखाई उत्साह

सूरत : विश्व जागृति मिशन वेसू में आयोजित बाल संस्कार केंद्र की चौथी कार्यशाला संपन्न

सनातन संस्कृति संस्कार अभियान के अंतर्गत संत सुधांशु जी महाराज के आशीर्वाद एवं प्रेरणा से बाल संस्कार केंद्र की चौथी कार्यशाला का आयोजन विश्व जागृति मिशन, बालाश्रम, वेसू, सूरत में किया गया। यह कार्यशाला आचार्य रामकुमार पाठक जी के सानिध्य में 12 अक्टूबर 2025 को सायं 4 से 5 बजे तक संपन्न हुई।

कार्यशाला का शुभारंभ वंदना साल्वे द्वारा प्रार्थना, स्तुति एवं गायत्री मंत्र के उच्चारण से हुआ। तत्पश्चात आचार्य श्री ने बच्चों को दीपावली पर्व के महत्व पर आधारित एक पौराणिक कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि दीपावली का प्रमुख कारण भगवान श्रीराम का 14 वर्ष के वनवास के पश्चात अयोध्या लौटना है, जब नगरवासियों ने उनके स्वागत में दीप प्रज्वलित किए थे। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।

आचार्य जी ने आगे बताया कि दीपावली का एक अन्य महत्व माता लक्ष्मी के प्रकट होने से भी जुड़ा है, इसलिए इस दिन लक्ष्मी माता की पूजा-अर्चना की जाती है। बच्चों को इन कथाओं के माध्यम से आध्यात्मिकता, सदाचार और जीवन मूल्यों का महत्व समझाया गया।

आचार्य श्री ने “बंदर और मगरमच्छ” की कथा से बच्चों को संगति के प्रभाव का संदेश दिया, वहीं “कबूतर और बहेलिया” की कहानी के माध्यम से धैर्य, एकता और सहयोग का महत्व बताया। उन्होंने बच्चों को बड़ों का आदर करने, हिम्मत और धैर्य से आगे बढ़ने, पढ़ाई में एकाग्रता रखने और संतुलित भोजन अपनाने की प्रेरणा दी।

कार्यशाला में अक्षिता अग्रवाल ने बच्चों के शारीरिक और बौद्धिक विकास के लिए क्रिकेट, लूडो, चेस, कैरम, दौड़ जैसे विभिन्न खेलकूद गतिविधियों का आयोजन किया। अंत में अल्पाहार के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यशाला ने न केवल बच्चों को ज्ञानवर्धक कथाओं से प्रेरित किया, बल्कि उन्हें संस्कार, अनुशासन और आत्मविकास की दिशा में अग्रसर होने का संदेश भी दिया।

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