सूरत : आढ़तिया कपड़ा एसोसिएशन सूरत का बड़ा फैसला, 49 कपड़ा व्यापारियों पर लगाया प्रतिबंध
धोखाधड़ी से बचाव और पारदर्शी व्यापार को बढ़ावा देने की दिशा में ऐतिहासिक कदम; देशभर की कपड़ा मंडियों में सराहना
कपड़ा कारोबार में ईमानदारी और पारदर्शिता बनाए रखने के उद्देश्य से आढ़तिया कपड़ा एसोसिएशन सूरत ने एक ऐतिहासिक और साहसिक कदम उठाते हुए 49 कपड़ा व्यापारियों को प्रतिबंधित कर दिया है। एसोसिएशन ने सभी व्यापारियों को सलाह दी है कि वे इन प्रतिष्ठानों के साथ किसी भी प्रकार का व्यापारिक लेन-देन न करें।
प्रतिबंधित 49 प्रतिष्ठानों में से 9 सूरत के स्थानीय व्यापारी हैं, जबकि शेष देशभर की अन्य कपड़ा मंडियों से जुड़े हुए हैं। एसोसिएशन के इस निर्णय की सराहना न केवल सूरत में, बल्कि देश की प्रमुख कपड़ा मंडियों में भी की जा रही है।
सूरत के कपड़ा बाजार में लगभग 250 मार्केटों में 85 हजार व्यापारी सक्रिय हैं, जिनसे लाखों कर्मचारियों की आजीविका जुड़ी हुई है। हालांकि, हाल के वर्षों में कुछ ऐसे तथाकथित व्यापारी भी बाजार में सक्रिय हो गए हैं, जिनका असली व्यापार से कोई लेना-देना नहीं होता। उनका उद्देश्य केवल माल लेकर भुगतान रोकना होता है, जिससे वास्तविक व्यापारियों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रह्लाद अग्रवाल ने बताया कि यह कदम सूरत के इतिहास में पहली बार उठाया गया है। उन्होंने कहा, “हमने ऐसे धोखेबाजों के नाम उजागर कर सूरत बाजार को साफ-सुथरा बनाने की दिशा में एक ठोस शुरुआत की है। अब व्यापारियों की जिम्मेदारी है कि वे इन प्रतिष्ठानों से नकद या उधार, किसी भी प्रकार का व्यापार न करें।” प्रह्लाद अग्रवाल ने आगे कहा कि अगर सूरत बाजार को स्वस्थ और पारदर्शी रखना है, तो 60 दिन से अधिक की उधारी पर तत्काल अंकुश लगाया जाना आवश्यक है।
आढ़तिया कपड़ा एसोसिएशन की विश्वसनीयता इस बात से झलकती है कि संस्था सदस्यता शुल्क लिए बिना भी व्यापारियों के पेमेंट सैटलमेंट मामलों को संभालती है। अब तक संस्था द्वारा लिए गए मामलों में 90 प्रतिशत तक की रिकवरी सफलता दर दर्ज की गई है। व्यापार जगत में यह कदम एक मजबूत संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि सूरत जैसे विशाल कपड़ा बाजार में अब धोखाधड़ी और बेईमानी के लिए कोई जगह नहीं रहेगी।