सूरत : नई सिविल अस्पताल में ब्रेनडेड दादा के अंगदान से तीन लोगों को मिला नया जीवन
वलसाड के 73 वर्षीय लक्ष्मणभाई मितना का लिवर और दो किडनी दान; सूरत सिविल अस्पताल का यह 80वाँ अंगदान
सूरत। सूरत के नई सिविल अस्पताल ने एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश करते हुए 80वाँ सफल अंगदान किया है। वलसाड जिले के उमरगाम तालुका के कलैगाम निवासी 73 वर्षीय ब्रेनडेड लक्ष्मणभाई मितना के परिवार ने दुःख की इस घड़ी में भी अंगदान का मानवीय दृष्टिकोण अपनाया, जिससे तीन ज़रूरतमंद लोगों को नया जीवन मिलेगा।
लक्ष्मणभाई मितना अपने घर पर तिरपाल लगाने के दौरान चक्कर आने से गिर पड़े और उन्हें गंभीर चोटें आईं। गंभीर स्थिति के कारण उन्हें वलसाड से सूरत नवी सिविल अस्पताल रेफर किया गया। यहाँ गहन उपचार के बाद 10 अक्टूबर को आरएमओ डॉ. केतन नायक, डॉ. नीलेश कछड़िया, न्यूरोसर्जन डॉ. केयूर प्रजापति और न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. जय पटेल ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया।
सोटो की टीम जिसमें डॉ. केतन नायक, डॉ. नीलेश कछड़िया, गुजरात नर्सिंग काउंसिल के उपाध्यक्ष इकबाल कड़ीवाला और काउंसलर निर्मला कठुडे शामिल थे जिन्होने मितना परिवार को अंगदान का महत्व समझाया।
लक्ष्मणभाई की बेटी और परिवार के सदस्यों ने भारी मन से इस निर्णय को स्वीकार करते हुए कहा "अगर मेरे पिता के अंग अंतिम समय में भी किसी को नया जीवन दे सकते हैं, तो हमें खुशी है। अगर किसी और को अंग मिल जाते हैं, तो मेरे पिता जीवित रहेंगे और हमें याद रहेगा कि वे किसी ज़रूरतमंद में रहते हैं।"
स्वर्गीय लक्ष्मणभाई के लिवर और दोनों किडनी को दान किया गया, जिन्हें आगे प्रत्यारोपण के लिए अहमदाबाद आईकेडी अस्पताल ले जाया गया। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. धारित्री परमार के मार्गदर्शन में चिकित्सा, नर्सिंग स्टाफ, सुरक्षा कर्मचारियों, सफाई कर्मचारियों और स्वयंसेवकों ने इस प्रक्रिया को सफल बनाने में कड़ी मेहनत की।