सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स ने पुनर्योजी चिकित्सा पर जागरूकता सत्र आयोजित किया

स्टेम सेल से संभव है शरीर की पुनर्योजना — भविष्य में दाँत भी दोबारा उगेंगे, इम्प्लांट की ज़रूरत नहीं पड़ेगी : डॉ. प्रदीप महाजन

सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स ने पुनर्योजी चिकित्सा पर जागरूकता सत्र आयोजित किया

सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा ‘पुनर्योजी चिकित्सा का अत्याधुनिक विज्ञान – दीर्घकालिक रोगों और बुढ़ापा-रोधी उपचार’ विषय पर एक विशेष जागरूकता सत्र आयोजित किया गया। इस अवसर पर महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार विजेता, स्टेमआरएक्स बायोसाइंस सॉल्यूशंस प्रा. लि. के संस्थापक एवं पुनर्योजी चिकित्सा के अग्रणी विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप महाजन ने विस्तृत मार्गदर्शन प्रदान किया।

डॉ. महाजन ने कहा कि प्रकृति ने मनुष्य को केवल उपचार शक्ति दी है, लेकिन विज्ञान ने पुनर्योजी शक्ति प्रदान करने की क्षमता दी है। अब यह संभव है कि 45 वर्ष की आयु के बाद भी महिलाएँ अंडाणु उत्पन्न कर सकें। उन्होंने बताया कि “हमारे शरीर में अपनी मरम्मत किट मौजूद है, जिसे स्टेम सेल कहते हैं।”

इस जटिल विषय को सरल शब्दों में समझाते हुए उन्होंने कहा कि हमारे शरीर की प्रत्येक कोशिका में अपार क्षमता होती है। बुढ़ापा कोई प्राकृतिक अवस्था नहीं, बल्कि एक उपचार योग्य स्थिति है। “आज विज्ञान इस स्तर तक पहुँच गया है कि कोशिकाओं से भ्रूण का पुनर्निर्माण और दाँतों का पुनःउगना संभव हो गया है। भविष्य में इम्प्लांट की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी,” उन्होंने बताया।

उन्होंने कहा कि स्टेम सेल से विकसित अंगों में अस्वीकृति की संभावना नगण्य होती है, जो प्रत्यारोपण चिकित्सा में एक क्रांतिकारी उपलब्धि है। मधुमेह से कम होती दृष्टि को भी स्टेम सेल के माध्यम से वापस लाने के प्रयोग सफल हो रहे हैं।

डॉ. महाजन ने कहा कि बच्चे की शिक्षा की शुरुआत डेढ़ से दो वर्ष की उम्र में ही होनी चाहिए, क्योंकि उस समय मस्तिष्क के न्यूरॉन्स सबसे सक्रिय और ग्रहणशील होते हैं। उन्होंने प्राचीन गुरुकुल परंपरा का उदाहरण देते हुए कहा कि “पहले बच्चे को दो वर्ष की उम्र में ही शिक्षा के लिए भेजा जाता था, और यही वैज्ञानिक दृष्टि से सही आयु है।”

उन्होंने आगे बताया कि “पैरासिटामोल या एंटीबायोटिक दवाओं के बिना भी मनुष्य एक सदी तक स्वस्थ जीवन जी सकता है, बशर्ते शरीर की प्राकृतिक पुनर्योजी शक्ति को सक्रिय रखा जाए।”

सत्र के प्रारंभ में चैंबर समूह अध्यक्ष राकेश गांधी ने स्वागत भाषण दिया।औद्योगिक श्रमिक स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष डॉ. जगदीश वघासिया ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की, जबकि जन स्वास्थ्य समिति की सह-अध्यक्ष डॉ. सोनिया चंदानी ने मुख्य वक्ता का परिचय दिया और अंत में उपस्थितजनों का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम का समापन किया।

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