सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स में स्टार्टअप्स पर पावर सेशन

जनरल नरवणे ने रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने की दी सलाह, आशीष भाटिया बोले—सूरत स्टार्टअप हब बनने को तैयार

सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स में स्टार्टअप्स पर पावर सेशन

सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा सरसाना स्थित समहति में 'नर्सुरेंट स्टार्टअप्स: लचीलापन निर्माण और नए क्षितिज का विस्तार' विषय पर पावर सेशन का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर पूर्व भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (सेवानिवृत्त) और इंडिया एक्सेलरेटर के संस्थापक एवं सीईओ तथा फिनवॉल्व वीसी के सह-संस्थापक आशीष भाटिया ने उद्यमियों और स्टार्टअप पेशेवरों को मार्गदर्शन दिया।

चैंबर मंत्री बिजल जरीवाला ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि सफलता के लिए अनुशासन और परिश्रम आवश्यक हैं। मानद कोषाध्यक्ष मितेश मोदी ने कहा कि भारत का स्टार्टअप और यूनिकॉर्न इकोसिस्टम तेजी से विकसित हो रहा है, बावजूद इसके 90% स्टार्टअप असफल हो जाते हैं।

जनरल नरवणे ने 'युद्ध की लागत: भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए रणनीतिक और वित्तीय सबक' विषय पर बोलते हुए कहा कि युद्ध अंतिम विकल्प होना चाहिए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बेहद ज़रूरी है और स्टार्टअप्स को ड्रोन और एंटी-ड्रोन सिस्टम जैसे क्षेत्रों में लागत-प्रभावी समाधान विकसित करने चाहिए।

आशीष भाटिया ने 'सूरत को अगली सिलिकॉन वैली बनाने में इंडिया एक्सेलरेटर की भूमिका' विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने बताया कि सूरत वर्तमान में देश के स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में 15वें स्थान पर है, लेकिन यहाँ स्टार्टअप्स के लिए सभी ज़रूरी तत्व मौजूद हैं। "हीरे तराशने वाला सूरत अब स्टार्टअप्स को तराशने के लिए भी तैयार है," उन्होंने कहा।

सत्र का संचालन संयोजक धर्मेश मेहता ने किया। चैंबर सदस्य समकित शाह और आयकर समिति के सह-अध्यक्ष एडवोकेट अनिल शाह ने वक्ताओं का परिचय कराया। प्रश्नोत्तर सत्र में युवा उद्यमियों की शंकाओं का समाधान किया गया। अंत में उप सचिव पॉलिक देसाई ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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