सूरत : स्वदेशी अपनाओ के उद्देश्य को समर्पित रही जीण संघ की ध्वज चुनर धर्म यात्रा

सिंगोतर आशापुरा माता मंदिर में हुआ भव्य आयोजन, शोभायात्रा और महाआरती बने आकर्षण का केंद्र

सूरत : स्वदेशी अपनाओ के उद्देश्य को समर्पित रही जीण संघ की ध्वज चुनर धर्म यात्रा

श्री अखिल भारतीय जीण माता सेवा संघ, सूरत द्वारा आयोजित 22वीं ध्वज चुनर धर्म यात्रा इस वर्ष हजीरा स्थित 1200 वर्ष पुराने सिंगोतर आशापुरा माता मंदिर में संपन्न हुई। यह आयोजन ‘बेटी बचेगी तो सृष्टि रचेगी’ और ‘स्वदेशी अपनाओ, देश सशक्त बनाओ’ जैसे राष्ट्रमूल्यिक उद्देश्यों को समर्पित रहा।

कार्यक्रम संयोजक राजेंद्र राजपुरोहित ने बताया कि इस अवसर पर पोस्टर हस्ताक्षर अभियान का शुभारंभ एसएमसी स्लम समिति के चेयरमैन विजय चौमाल ने किया, जिसमें उपस्थित जनसमूह ने स्वदेशी अपनाने का संकल्प लिया। सहप्रभारी राजेश काबरा के अनुसार कार्यक्रम की मुख्य अतिथि 11 नन्ही कन्याएं थीं, जिन्होंने दीप प्रज्वलन कर समारोह का शुभारंभ किया।

शोभायात्रा में सिर पर ‘जय मातादी’ पट्टी बांधे श्रद्धालुओं ने जयकारों के साथ माता को 108 मीटर की दो विशाल चुनरी और सैकड़ों ध्वज अर्पित किए। जगह-जगह पुष्पवर्षा से शोभायात्रा का स्वागत किया गया। राजस्थान के आदिवासी कारीगरों द्वारा निर्मित सुहाग पिटारी की अलौकिक माला भी माता को अर्पित की गई।

समारोह में अहमदाबाद से आमंत्रित कलाकार ने शरीर पर 501 दीपक बांधकर नृत्य-आरती प्रस्तुत की, जिसने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। सिंगोतर माता एवं आशापुरा माता को 56 भोग, मिष्ठान, पंचमेवा और फल अर्पित कर सवा लाख बत्ती की महाआरती संपन्न हुई।

‘बेटी बचेगी तो सृष्टि रचेगी’ संदेश वाले एप्रोन पहने श्रद्धालुओं ने कन्याओं का चरण प्रक्षालन कर पूजन किया और उन्हें अल्पाहार व भेंट अर्पित की। मां अंबे के स्वरूप में आई नन्ही कन्याओं संग श्रद्धालुओं ने गरबा भी किया।

माता के दरबार को इत्र की फुहार और कमल की मालाओं से सुगंधित व अलंकृत किया गया। कार्यक्रम में जीण संघ के गोविंद जिंदल, बद्री प्रसाद, बनवारी कयाल, राम मूंदड़ा, सत्यम काबरा सहित अनेक पदाधिकारियों और सदस्यों का विशेष योगदान रहा। श्रद्धालुओं और पुजारियों ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए इसे सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से प्रेरणादायक बताया।

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