सूरत : नगर निगम की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में पाँच प्रमुख परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा

डुमस सी फेज़ डेवलपमेंट, कतारगाम ऑडिटोरियम, गांधी स्मृति भवन सहित सभी कार्य समयसीमा में पूरे करने के निर्देश

सूरत : नगर निगम की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में पाँच प्रमुख परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा

सूरत। सूरत नगर निगम में महापौर दक्षेश मावाणी, स्थायी समिति अध्यक्ष राजन पटेल और नगर आयुक्त शालिनी अग्रवाल की अध्यक्षता में गुरूवार को एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में शहर की पाँच प्रमुख विकास परियोजनाओं — डुमस सी फेज़ डेवलपमेंट, कतारगाम ऑडिटोरियम, गांधी स्मृति भवन, वल्लभाचार्य रैंप और रत्नमाला गजेरा सर्कल परियोजना की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई।

बैठक में निर्णय लिया गया कि डुमस सी फेज़ डेवलपमेंट (फेज़-1 और 2), कतारगाम ऑडिटोरियम, वल्लभाचार्य रैंप, और रत्नमाला गजेरा सर्कल के पास पुल परियोजना को 15 दिसंबर, 2025 तक पूर्ण कर लिया जाएगा, जबकि गांधी स्मृति भवन का उद्घाटन 31 मई, 2026 को किया जाएगा।

महापौर मावाणी ने अधिकारियों से कहा कि सभी कार्य निर्धारित समयसीमा में पूरे हों और गुणवत्ता में किसी प्रकार की कमी न रहे। उन्होंने परियोजनाओं की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए कार्य गति बनाए रखने के निर्देश दिए।

बैठक में विशेष रूप से डुमस सी फेज़ डेवलपमेंट प्रोजेक्ट की प्रगति पर चर्चा हुई। बताया गया कि डुमस बीच क्षेत्र में स्थित हाइपरटेंशन लाइन निर्माण में बाधा बन रही थी। पहले इस लाइन को सूडा द्वारा घोषित सड़क पर शिफ्ट करने की योजना थी, लेकिन संबंधित भूमि अभी तक अधिग्रहित नहीं होने के कारण इसे ऊपर उठाने का निर्णय लिया गया है।

तकनीकी रिपोर्ट के अनुसार, लाइन को शिफ्ट करने पर लगभग ₹22-23 करोड़ का खर्च आता, जबकि इसे ऊँचाई पर उठाने में केवल ₹3.5 करोड़ का खर्च आएगा। इस निर्णय से न केवल परियोजना की लागत में उल्लेखनीय कमी आएगी, बल्कि निर्माण कार्य में तेजी और तकनीकी अड़चनों के समाधान की भी उम्मीद है।

बैठक में निगम के वरिष्ठ अधिकारियों सहित सभी संबंधित विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। नगर निगम प्रशासन ने स्पष्ट किया कि सूरत के तटीय क्षेत्र की सौंदर्यवृद्धि और पर्यटन विकास के लिए डुमस परियोजना को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।

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