सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा ‘हेल्थ कॉन्क्लेव 2025’ का आयोजन
विशेषज्ञ डॉक्टरों ने दी स्वास्थ्य, जीवनशैली और मानसिक संतुलन पर महत्वपूर्ण जानकारियाँ
सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और द वराछा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड द्वारा संयुक्त रूप से रविवार, 5 अक्टूबर 2025 को सरथाणा स्थित सहकार भवन में ‘हेल्थ कॉन्क्लेव 2025’ का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य से जुड़े विषयों पर विस्तृत मार्गदर्शन प्रदान किया।
कार्यक्रम का उद्घाटन दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष निखिल मद्रासी के स्वागत भाषण से हुआ। द वराछा को-ऑपरेटिव बैंक के निदेशक कांजी भलाला ने मुख्य भाषण में स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के महत्व पर बल दिया।
कार्यक्रम में शामिल चिकित्सकों ने अलग-अलग विषयों पर उपयोगी जानकारी दी —
डॉ. उषा मनिया ने कहा कि पौष्टिक आहार और नियमित योगासन महिलाओं को पीरियड्स संबंधी परेशानियों से राहत दिला सकते हैं। उन्होंने महिलाओं को पीसीओएस/पीसीओडी की समय-समय पर जाँच कराने की सलाह दी।
डॉ. मुकुल चौकसी ने बताया कि कोविड के बाद आत्महत्या के मामलों में चिंताजनक बढ़ोतरी हुई है — पहले रोज़ाना औसतन 2-3 मामले आते थे, जो अब बढ़कर 4 हो गए हैं। उन्होंने मानसिक तनाव से निपटने के उपाय सुझाए।
डॉ. भरत जीवनी ने कहा कि घुटने का ऑस्टियोआर्थराइटिस उम्र, वजन और कार्यशैली से जुड़ी समस्या है। उन्होंने आहार, हल्की एक्सरसाइज और योग से राहत की सलाह दी।
डॉ. नीलेश पुरुषोत्तम ने चेतावनी दी कि भारतीयों को जीवनशैली की वजह से अन्य देशों की तुलना में 10 वर्ष पहले ही दिल का दौरा पड़ने की संभावना रहती है। उन्होंने रात के समय होने वाले असामान्य दर्द को नज़रअंदाज़ न करने की सलाह दी।
डॉ. शिल्पा नीलेश ने बताया कि मोतियाबिंद अक्सर तब पहचाना जाता है जब आँख का 90% हिस्सा प्रभावित हो चुका होता है। उन्होंने 35 वर्ष के बाद नियमित आँखों की जाँच की सलाह दी।
डॉ. रवींद्र कोराट ने कहा कि गर्भधारण के लिए 20 से 30 वर्ष की उम्र आदर्श है। देर से शादी और कैरियर प्राथमिकता के चलते आज कई जोड़े प्रजनन समस्याओं से जूझ रहे हैं।
डॉ. आयुष गोलकिया ने स्ट्रोक के लक्षण और उपचार पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्ट्रोक के बाद शुरुआती 4 घंटे 30 मिनट का समय इलाज के लिए निर्णायक होता है और ‘BEFAST’ संकेतों (संतुलन, आँखें, चेहरा, बाँहें, वाणी, समय) पर ध्यान देना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन चैंबर की औद्योगिक श्रमिक स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष डॉ. जगदीश वघासिया ने किया। चैंबर की जन स्वास्थ्य समिति की अध्यक्ष डॉ. पारुल वडगामा ने कॉन्क्लेव की रूपरेखा प्रस्तुत की।
कार्यक्रम में चैंबर के मानद कोषाध्यक्ष सीए मितेश मोदी, प्रदर्शनी समिति अध्यक्ष किरण थुम्मर, तथा अनेक सदस्य उपस्थित रहे। अंत में, निखिल वघासिया ने धन्यवाद ज्ञापन दिया और वक्ताओं ने उपस्थितजनों के प्रश्नों के उत्तर दिए।