सूरत : नवरात्रि में 'जीवनदीप' का 26वाँ अंगदान, एक संकल्प से 7 लोगों को मिला नया जीवन
62 वर्षीय पार्वतीबेन रूपाणी के अंगों से सात जिंदगियां रोशन हुईं; परिवार ने पूरी की अंतिम इच्छा
सूरत। नवरात्रि के पावन पर्व पर सूरत के रूपाणी परिवार ने समर्पण और आस्था का एक अनूठा उदाहरण पेश किया है। जीवनदीप अंगदान फाउंडेशन की पहल पर पी.पी. सवाणी अस्पताल में ब्रेन डेड घोषित हुईं 62 वर्षीय पार्वतीबेन माधवजीभाई रूपाणी के अंगों के दान से सात जरूरतमंद मरीजों को नया जीवन मिला है। यह फाउंडेशन का 26वाँ अंगदान है।
सिंगनपोर, सूरत निवासी पार्वतीबेन 23 सितंबर 2025 को वडोदरा स्थित माताजी के मंदिर में दर्शन के लिए गईं थीं। बाथरूम में बेहोश पाए जाने पर उन्हें तुरंत पी.पी. सवाणी अस्पताल लाया गया, जहाँ इलाज के दौरान उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। डॉ. जिग्नेश गंगडिया, डॉ. हितेश चित्रोडा सहित डॉक्टरों की टीम ने यह पुष्टि की।
अस्पताल प्रशासन ने जीवनदीप अंगदान फाउंडेशन से संपर्क किया। इसके बाद, पार्वतीबेन के पति माधवजीभाई, पुत्र रविभाई और दामाद सहित पूरा रूपाणी परिवार अंगदान के लिए एकत्र हुआ।
पार्वतीबेन के परिवार ने बताया कि कुछ समय पहले गाँव की एक सभा में जसविनभाई कुंजड़िया से अंगदान जागरूकता की जानकारी मिलने के बाद पार्वतीबेन ने संकल्प लिया था कि यदि वह कभी ब्रेन डेड होती हैं, तो वह अपने अंगों का दान करेंगी। परिवार ने उनकी इस अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए, बिना समय गंवाए अंगदान के लिए सहमति दे दी।
रूपाणी परिवार के इस नेक कार्य से सात लोगों को जीवनदान मिला है।दोनों हाथ अमृता अस्पताल, फ़रीदाबाद- दोनों किडनी अपोलो अस्पताल, अहमदाबाद- लीवर अपोलो अस्पताल, अहमदाबाद- दोनों आँखें लोकदृष्टि नेत्र बैंक (डॉ. प्रफुल शिरोया) को दान दिया गया।
इस पुनीत कार्य में पी.पी. सवाणी अस्पताल के अध्यक्ष वल्लभभाई सवाणी (बापूजी) और महेशभाई सवाणी सहित जीवनदीप अंगदान फाउंडेशन के संस्थापक पी.एम. गोंडालिया, डॉ. नीलेश कछड़िया, विपुल तडाविया और अस्पताल के पूरे मेडिकल एवं नर्सिंग स्टाफ का सहयोग सराहनीय रहा। जीवनदीप अंगदान फाउंडेशन, सूरत के प्रयासों से अब तक 26 अंगदान हो चुके हैं।