सूरत : शून्य द्रव उत्सर्जन पर नवाचार विषयक सत्र आयोजित
चैंबर ऑफ कॉमर्स और मंत्रा के संयुक्त प्रयास से उद्योगपतियों को दी गई उपयोगी जानकारी
सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने मानव निर्मित वस्त्र अनुसंधान संघ (मंत्रा) के सहयोग से 26 सितंबर, 2025 को सरसाणा स्थित समहति में “औद्योगिक अपशिष्ट जल प्रबंधन हेतु शून्य द्रव उत्सर्जन में नवाचार” विषय पर विशेष सत्र आयोजित किया। इस अवसर पर एओलस सस्टेनेबल बायोएनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक नीरज मिठानी ने उद्योग जगत को विस्तृत जानकारी दी।
चैंबर के पूर्व अध्यक्ष विजय मेवावाला ने स्वागत भाषण में कहा कि द्रव उत्सर्जन आज का गंभीर मुद्दा है। उन्होंने कहा कि वाटरजेट की बजाय एयरजेट तकनीक की ओर उद्योगों का रुख बढ़ रहा है, लेकिन यदि वाटरजेट मशीनें उपलब्ध हों तो यह बुनकरों और प्रसंस्करणकर्ताओं के लिए समाधानकारी सिद्ध हो सकती हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि पर्यावरण की रक्षा सामूहिक जिम्मेदारी है और नवाचारपूर्ण अपशिष्ट जल प्रबंधन आने वाली पीढ़ी के लिए स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करेगा।
मंत्रा के निदेशक डॉ. अरूप रक्षित ने कार्यक्रम के उद्देश्यों की जानकारी दी।
मुख्य वक्ता नीरज मिठानी ने इलेक्ट्रोऑक्सीडेशन तकनीक, व्यावहारिक अनुप्रयोगों और विभिन्न उद्योगों के केस स्टडीज़ के माध्यम से बताया कि आरआईएम किस प्रकार पर्यावरणीय अनुपालन और स्थिरता सुनिश्चित कर सकता है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि उत्सर्जन व्यापार योजना की तर्ज पर देश की पहली अपशिष्ट व्यापार योजना इस वर्ष सूरत में शुरू की गई है। उन्होंने कपड़ा उद्योग के साथ-साथ चीनी, गुड़, फार्मा और बिजली क्षेत्रों में भी इस तकनीक की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर चैंबर के मानद मंत्री बिजल जरीवाला सहित बड़ी संख्या में उद्यमी और पेशेवर उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मंत्रा के उपनिदेशक डॉ. हितेश जरीवाला ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन मंत्रा के मानद मंत्री प्रफुल्ल गांधी ने दिया।
