सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स ने आयोजित किया विशेष सत्र

ऑस्ट्रेलिया-भारत सर्कुलर सिनर्जीज़: कचरे को अवसरों में बदलना' पर हुई चर्चा

सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स ने आयोजित किया विशेष सत्र

सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसजीसीसीआई) ने सरसाना स्थित समहति में 'ऑस्ट्रेलिया-भारत सर्कुलर सिनर्जीज़: कचरे को अवसरों में बदलना' विषय पर एक विशेष सत्र का आयोजन किया।

इस अवसर पर ऑस्ट्रेलिया की क्लीनअवे कंपनी की इनोवेशन एंड सर्कुलरिटी बिज़नेस पार्टनर सुश्री नेहा मोदी ने उद्यमियों को कचरा प्रबंधन और स्थिरता से जुड़े आधुनिक दृष्टिकोणों पर विस्तृत जानकारी दी।

चैंबर के मानद कोषाध्यक्ष सीए मितेश मोदी ने स्वागत भाषण में कहा कि विकास के साथ कचरे की मात्रा बढ़ना स्वाभाविक है, लेकिन सवाल यह है कि क्या कचरा केवल बोझ है या अवसर भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि सर्कुलर इकोनॉमी ने यह सिद्ध किया है कि कचरा एक संसाधन बन सकता है, जिससे न केवल पर्यावरण की रक्षा होगी बल्कि उद्योगों को नए अवसर भी मिलेंगे।

उन्होंने रीसाइक्लिंग उद्योग, अपशिष्ट से ऊर्जा इकाइयाँ, कपड़ा रीसाइक्लिंग और प्लास्टिक पेलेटाइजिंग जैसी परियोजनाओं को स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद बताया।

मुख्य वक्ता नेहा मोदी ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया दुनिया में सबसे अधिक कपड़ा खपत करने वाला देश है और भारत को कपड़ा रीसाइक्लिंग में और प्रयास करने होंगे। उन्होंने जोर दिया कि रीसाइक्लिंग के बाद उत्पाद की गुणवत्ता बनाए रखना बेहद ज़रूरी है। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को पैकेजिंग जैसे क्षेत्रों में 30% पुनर्चक्रित सामग्री के उपयोग को बढ़ावा देने वाली योजनाएँ बनानी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत में अभी भी गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग करने की आदत नहीं है। इसके लिए बच्चों को भी प्रशिक्षित करना आवश्यक है, ताकि रीसाइक्लिंग प्रक्रिया आसान बने। उन्होंने बताया कि लैंडफिल गैस, खाद्य अपशिष्ट और औद्योगिक कचरे को बायोगैस, हाइड्रोजन और नवीकरणीय डीज़ल जैसे ऊर्जा स्रोतों में बदला जा सकता है, जो पारंपरिक ईंधनों के विकल्प साबित हो रहे हैं।

कार्यक्रम का संचालन एसजीसीसीआई ग्लोबल कनेक्ट कमेटी के अध्यक्ष देवकिशन मंधानी ने किया। सत्र के अंत में, उपस्थित उद्यमियों के सभी प्रश्नों के विस्तृत उत्तर नेहा मोदी ने दिए और कार्यक्रम का समापन हुआ।

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