जीएसटी 2.0 लागू: सूरत कपड़ा उद्योग को बड़ा लाभ, लहंगा व्यापारियों पर असर

पहले 1000 रुपये से अधिक मूल्य के लहंगे पर 12% जीएसटी लागू था, लेकिन अब 2500 रुपये से ऊपर के लहंगे पर 18% जीएसटी लगाया गया

जीएसटी 2.0 लागू: सूरत कपड़ा उद्योग को बड़ा लाभ, लहंगा व्यापारियों पर असर
रंगनाथ सारडा (व्यापारी)

सूरत। केंद्र सरकार द्वारा 22 सितंबर से लागू किए गए जीएसटी 2.0 का सीधा फायदा निम्न व मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं को मिलने जा रहा है। रोजमर्रा की वस्तुओं से लेकर घरेलू जरूरत के अधिकांश उत्पादों पर टैक्स स्लैब कम होने से कीमतों में गिरावट दर्ज होगी। 12% व 28% जीएसटी स्लैब में आने वाले करीब 90% उत्पाद अब 5% और 18% की श्रेणी में आ गए हैं, जिससे आम उपभोक्ताओं के घरेलू बजट में बचत होगी और उनकी क्रयशक्ति बढ़ेगी।

अगर सूरत के कपड़ा उद्योग की बात करें तो पॉलिएस्टर यार्न पर जीएसटी 12% से घटकर 5% हो गया है। इस 7% कमी का लाभ बुनकरों, प्रोसेसिंग यूनिट्स, जॉबवर्कर्स और ट्रेडर्स के जरिए अंततः उपभोक्ताओं तक पहुंचेगा। इसका असर यह होगा कि कपड़ा सस्ता होगा और उपभोक्ता की खरीदारी क्षमता बढ़ेगी। हालांकि, इस प्रक्रिया में लगभग एक माह का समय लगेगा क्योंकि यार्न से कपड़े का निर्माण, प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन के बाद ही यह नए रेट पर बाजार में पहुंचेगा।

नई जीएसटी व्यवस्था में जहां एक ओर सूरत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री को राहत मिली है, वहीं लहंगा बनाने वाले व्यापारियों के सामने नई चुनौती खड़ी हो गई है। पहले 1000 रुपये से अधिक मूल्य के लहंगे पर 12% जीएसटी लागू था, लेकिन अब 2500 रुपये से ऊपर के लहंगे पर 18% जीएसटी लगाया गया है। चूंकि लहंगे की शुरुआती रेंज ही लगभग 2500 रुपये से शुरू होती है, इसलिए इस वर्ग को सीधे नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

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