वीएनएसजीयू में कन्या पूजन का भव्य आयोजन
111 कन्याओं का पूजन कर मध्य ग्रंथालय बना आस्था का केंद्र
सूरत वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय (VNSGU) के हिंदू अध्ययन प्रतिष्ठान द्वारा नवरात्रि के चतुर्थ दिवस, गुरुवार को विश्वविद्यालय के मध्यस्थ ग्रंथालय में कन्या पूजन का दिव्य एवं भव्य आयोजन संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति डॉ. किशोर सिंह चावड़ा और कुलसचिव डॉ. रमेशदान गढवी के करकमलों से दीप प्रज्वलन एवं मां अंबे की प्रतिमा पूजन के साथ हुआ। मां अंबे का अभिषेक अक्षत, पुष्प, पंचामृत, कुमुद और पवित्र जल से विधिपूर्वक किया गया।
श्री कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि “नवरात्रि केवल आस्था का पर्व नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक आत्मा का उत्सव है। कन्या पूजन हमें यह स्मरण कराता है कि स्त्री ही जीवन की आधारशिला है।” वहीं कुलसचिव रमेशदान गढवी ने कहा कि “विश्वविद्यालय केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि संस्कृति और परंपरा का संवाहक भी है। इस प्रकार के आयोजन आधुनिक शिक्षा और प्राचीन मूल्यों के बीच सेतु का कार्य करते हैं।”
इस आयोजन का मुख्य आकर्षण 111 कन्याओं का विधिपूर्वक पूजन रहा। विश्वविद्यालय के आचार्यों और विद्यार्थियों ने मिलकर कन्याओं के चरण धोए, उन्हें आसन पर विराजमान कराया, आरती उतारी और सम्मानपूर्वक स्मृति चिन्ह एवं पावन प्रसाद भेंट किया।
डॉ. भरत ठाकोर (समन्वयक, हिंदू अध्ययन प्रतिष्ठान) ने कहा कि यह आयोजन केवल अनुष्ठान नहीं, बल्कि मातृशक्ति को प्रणाम और नई पीढ़ी को संस्कृति-संस्कारों से जोड़ने का माध्यम है। उन्होंने बताया कि यह परंपरा पिछले चार वर्षों से निरंतर चली आ रही है और हर वर्ष इसका स्वरूप और अधिक व्यापक होता जा रहा है।
कार्यक्रम का समापन देवीसूक्त की पंक्तियों “अहं राष्ट्री संगमनी वसूनाम्” के साथ हुआ, जिसने यह संदेश पुनः प्रतिध्वनित किया कि नारी केवल परिवार की धुरी नहीं, बल्कि सम्पूर्ण राष्ट्र की चेतना और ऊर्जा है।
इस अवसर पर पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विद्यार्थी, विभिन्न संकायों के प्राध्यापक और सहायक आचार्य बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।