सूरत : सगरामपुरा में होगी डिजिटल जनगणना का पूर्व-परीक्षण
एआई-गूगल की मदद से 25 हज़ार घरों का होगा सर्वे, 300 कर्मचारियों की तैनाती
सूरत। देशव्यापी जनगणना से पहले सूरत के सगरामपुरा वार्ड को मॉडल के रूप में चुना गया है। यहां नवंबर में एआई और गूगल इमेज तकनीक के जरिए डिजिटल जनगणना का पूर्व-परीक्षण (प्री-टेस्ट) किया जाएगा। इसके लिए दीपावली से पहले करीब 300 कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी, जिनमें प्रगणक, पर्यवेक्षक, प्रभारी अधिकारी और प्रधान जनगणना अधिकारी शामिल होंगे।
वार्ड नंबर 2 के लगभग 170 ब्लॉकों में फैले 25 हज़ार घरों का सर्वेक्षण किया जाएगा। इसमें नगर निगम के प्राथमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षक सहित तकनीकी कर्मचारी भाग लेंगे। सभी कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर एक विशेष एंड्रॉइड एप्लिकेशन के माध्यम से घर-घर डिजिटल सर्वेक्षण कराया जाएगा।
2011 की जनगणना के अनुसार सगरामपुरा की आबादी 1.06 लाख थी, जो अब बढ़कर करीब 1.80 लाख होने का अनुमान है। उस समय प्रत्येक ब्लॉक में औसतन 150 घर थे, जिसे अब बढ़ाकर 180 घरों पर 1 ब्लॉक तय किया गया है। प्रत्येक 6–8 ब्लॉकों पर एक प्रगणक और 6 प्रगणकों पर एक पर्यवेक्षक नियुक्त होगा, जबकि पूरी व्यवस्था पर एक प्रभारी अधिकारी और प्रधान जनगणना अधिकारी की देखरेख रहेगी।
गांधीनगर से जनगणना सहायक निदेशक किंजल दर्जी की टीम मंगलवार को सूरत पहुंची और नगर निगम अधिकारियों के साथ रणनीति तय की। टीम ने बताया कि सगरामपुरा को इसलिए चुना गया क्योंकि यहां झुग्गी-झोपड़ियां, व्यावसायिक इकाइयां और घनी आबादी वाले आवासीय क्षेत्र—तीनों तरह की संरचनाएं मौजूद हैं, जो सर्वेक्षण का आदर्श मॉडल बनाती हैं।
प्री-टेस्ट से मिले अनुभवों, चुनौतियों और सुझावों की समीक्षा एक उच्चस्तरीय समिति करेगी और उसके आधार पर 2027 की अंतिम जनगणना के लिए साझा रणनीति तैयार की जाएगी। अनुमान है कि 9 फरवरी से 28 फरवरी 2027 के बीच पूरे देश में जनगणना की अंतिम प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।