सूरत : निर्भय रहने का एकमात्र सूत्र है ‘राम नाम’ : राधाकृष्णजी महाराज
भव्य पोथी यात्रा के साथ श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के सेवार्थ नौ दिवसीय श्रीराम गौ भक्ति महोत्सव का शुभारंभ
गौऋषि परम श्रद्धेय स्वामी श्री दत्तशरणानंदजी महाराज की प्रेरणा से लोक पूण्यार्थ न्यास शाखा, सूरत द्वारा सिटी लाइट स्थित अग्रसेन पैलेस के पंचवटी हॉल में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम गौ भक्ति महोत्सव का सोमवार को शुभारंभ हुआ। महोत्सव के पहले दिन दोपहर 2 बजे श्री राणी सती मंदिर, सिटी लाइट से भव्य पोथी यात्रा निकाली गई, जिसमें कथा के मुख्य मनोरथी श्रीमती गीता देवी गजानंदजी कंसल (कंसल ग्रुप), जयप्रकाशजी अग्रवाल (रचना ग्रुप) और सुभाषजी अग्रवाल (सुभाष साड़ी) के परिजनों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। पोथी यात्रा में श्रीरामचरित मानस ग्रन्थ शिरोधार्य कर भगवान श्रीराम के जयकारे लगाते हुए अति शोभायमान हो रहे थे।
व्यासपीठ से गोवत्स राधाकृष्णजी महाराज ने श्रीराम कथा महात्म्य और तुलसी चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि सतत श्रीराम नाम संकीर्तन से मानव का स्वरूप बदल जाता है और वह समाज में पूजनीय हो जाता है। उन्होंने कहा “श्रीराम नाम निर्भय रहने का एक मात्र सूत्र है। भले ही व्यक्ति किसी भी देव की आराधना करता हो लेकिन विशेष परिस्थिति में परवश की राम नाम जिह्वा पर आ जाती है। बैरी बने चाहे जग वाले सारे, रामजी तारे तो भला कौन मारे।”
महाराजजी ने प्रवचन में कहा कि गुरु कोई व्यक्तित्व नहीं बल्कि तत्व होता है। गुरु के सुमिरन से ही भगवान गुरु स्वरूप में प्रकट होते हैं। उन्होंने गौतम ऋषि और शिष्य की कथा का वर्णन किया। साथ ही बताया कि संगति का मानव जीवन पर गहरा प्रभाव होता है, इसलिए अच्छे विचार वाले लोगों की संगति आवश्यक है।
गौ माता के संदर्भ में महाराजजी ने कहा कि केवल कथा श्रवण से ही नहीं, बल्कि गौ माता के समीप रहकर ही सच्चा प्रेम संभव है। गो माता को चारा देने से पुण्य मिलता है, लेकिन सच्चा आशीर्वाद उनके सान्निध्य से ही मिलता है। राधाकृष्णजी महाराज ने कहा कि राष्ट्र धर्म सर्वोपरी है। सीमा पर तैनात सैनिक अपने कर्तव्य से देश को भगवान का स्वरूप मानकर सेवा करते हैं और शहीद होने पर देवदूत उन्हें स्वर्गलोक ले जाते हैं।
सूरत शाखा के चेयरमैन राकेश कंसल, अध्यक्ष संदीप पोद्दार एवं विपिन जालान ने बताया कि मंगलवार को सुबह पर्वत पाटिया स्थित शिव मंदिर से प्रभातफेरी, इसके बाद गोपुष्टि यज्ञ और शाम 6:30 बजे गौ माता की आरती का आयोजन होगा।
मीडिया प्रभारी सज्जन महर्षि ने बताया कि यह महोत्सव गोलोकवासी गोभक्त गजानंदजी कंसल एवं राधावल्लभजी जालान की स्मृति को समर्पित है। उन्होंने शहरवासियों से इस अवसर पर श्रीराम गो भक्ति कथा श्रवण कर पुण्य लाभ लेने की अपील की।
गो आशीर्वाद सभा का आयोजन, मनोरथियों और समाजसेवी परिवारों को प्रदान किया गया विशेष सम्मान
कथा विश्राम के उपरांत श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के कार्यकारी प्रधान संरक्षक परम गोवत्स राधाकृष्णजी महाराज के सान्निध्य में सोमवार को गो आशीर्वाद सभा का आयोजन हुआ। इस अवसर पर वेदज्ञ विप्रों ने वेद मंत्रों के साथ तिलक कर मनोरथी श्रीमती गीतादेवी गजानंदजी कंसल (कंसल ग्रुप), जे.पी. अग्रवाल (रचना ग्रुप) और सुभाषजी अग्रवाल (सुभाष साड़ी) को वेदलक्षणा गोमाता की छवि एवं मोमेंटो भेंट कर आशीर्वाद प्रदान किया। सभा में गोलोकवासी राधावल्लभजी जालान परिवार, ओमप्रकाशजी झुनझुनवाला परिवार और प्रमोद पोद्दार (रचित ग्रुप) को भी गो आशीर्वाद से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, गोमाता के लिए चुनरी अर्पित करने वाले राजस्थान युवा संघ, ओम नंदेश्वर गोशाला सारोली और रूंगटा ग्रीन
परिवार को भी विशेष आशीर्वाद प्रदान किया गया। पूरे आयोजन में भक्ति, श्रद्धा और सेवा का भाव वातावरण में परिलक्षित हुआ।