सूरत : मांडवी तालुका के बौधन गाँव में बैठक, लिग्नाइट खनन परियोजना का कड़ा विरोध
चार गाँवों के किसानों का संकल्प – भूमि, संस्कृति और आजीविका बचाने के लिए संघर्ष जारी रहेगा
सूरत । मांडवी तालुका के बौधन गाँव में शुक्रवार देर शाम आयोजित बैठक में लिग्नाइट खनन परियोजना के खिलाफ स्थानीय ग्रामीणों और किसानों ने जोरदार विरोध दर्ज कराया। बैठक में घाला, मुंजलाव, रोसवाड़ और बौधन गाँव के 300 से अधिक लोग उपस्थित रहे। सभी ने सर्वसम्मति से इस परियोजना को रोकने का संकल्प लिया।
बैठक गुजरात किसान समाज के तत्वावधान में हुई, जिसमें ग्रामीणों ने कहा कि इस परियोजना से लगभग 6800 बीघा कृषि भूमि प्रभावित होगी और मुंजलाव गाँव का पूरा विस्थापन होगा। किसानों और ग्रामीणों का मानना है कि यह परियोजना उनकी जमीन, संस्कृति और आजीविका को गंभीर नुकसान पहुंचाएगी।
गुजरात किसान समाज के अध्यक्ष जयेश पटेल ने बताया कि जीएमडीसी (GMDC) द्वारा प्रस्तावित परियोजना में कुल 1600 हेक्टेयर भूमि शामिल है। इसमें से 776 हेक्टेयर भूमि पर पहले चरण में खनन होगा। परियोजना की कुल लागत 2,567 करोड़ रुपये आंकी गई है।
खदान की उत्पादन क्षमता 10 लाख टन लिग्नाइट प्रति वर्ष होगी और परियोजना का जीवनकाल लगभग 30 वर्ष होगा। उन्होंने कहा कि भले ही परियोजना से लगभग 800 लोगों को रोजगार मिलेगा, लेकिन इसके बदले में 2943 परिवारों और करीब 13,974 लोगों पर सीधा असर पड़ेगा।
खेड़ुत नेता दर्शन नायक ने अपने संबोधन में कहा कि यदि इस परियोजना को रोकना है तो ग्रामीणों को एकजुट होकर पक्षपात से दूर रहना होगा। उन्होंने कहा कि यह संघर्ष सिर्फ जमीन का ही नहीं बल्कि गाँव की संस्कृति और आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा का भी है।
बैठक में किसान नेता रमेश पटेल, महासचिव महेंद्रसिंह कर्मरिया, कामरेज तालुका पंचायत के कार्यकारी अध्यक्ष महेश पटेल, उपसरपंच साजिद पीरभाई, पूर्व सरपंच मनहर राठौड़ सहित प्रभावित गाँवों के सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।
ग्रामीणों ने स्पष्ट कर दिया कि वे इस परियोजना के खिलाफ व्यापक जनआंदोलन छेड़ेंगे और सरकार से इसकी समीक्षा कर इसे तत्काल रोकने की मांग करेंगे।