सूरत : श्रमिकों के स्वास्थ्य पर प्रभाव: चैंबर ऑफ कॉमर्स ने आयोजित किया जागरूकता सत्र

वायु प्रदूषण, ध्वनि और ताप तनाव से जुड़े खतरों पर विशेषज्ञों ने दी जानकारी; उद्योगों को अधिक संवेदनशील बनने का आह्वान

सूरत : श्रमिकों के स्वास्थ्य पर प्रभाव: चैंबर ऑफ कॉमर्स ने आयोजित किया जागरूकता सत्र

सूरत । दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, आईसीएमआर-राष्ट्रीय व्यावसायिक स्वास्थ्य संस्थान और आजीविका ब्यूरो के सहयोग से मंगलवार, 23 सितंबर, 2025 को सरसाना स्थित समहति में श्रमिकों के स्वास्थ्य पर एक जागरूकता सत्र आयोजित किया। सत्र का विषय था – “वायु प्रदूषण, ध्वनि और ताप तनाव का श्रमिकों के स्वास्थ्य पर प्रभाव।”

चैंबर मंत्री बिजल जरीवाला ने स्वागत भाषण में कहा कि ऐसे कार्यक्रम उद्योगों को दिशा देते हैं और श्रमिकों के स्वास्थ्य के प्रति अधिक जिम्मेदार बनाते हैं।

तकनीकी अधिकारी संजय कोटडिया (आईसीएमआर) ने बताया कि सूरत में कढ़ाई-बुनाई मशीनों के शोर से करीब 30% मज़दूर प्रभावित हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि लगातार शोर और हेडफ़ोन के अधिक उपयोग से स्थायी बहरापन हो सकता है। उन्होंने हियरिंग प्रोटेक्टर जैसे उपाय अपनाने पर जोर दिया।

तकनीकी सहायक मोहम्मद इदरीश शेख ने वायु प्रदूषण के कारकों और उनके स्वास्थ्य पर दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला। वहीं, चैंबर की पर्यावरण समिति अध्यक्ष कुन्हल शाह ने कहा कि उद्योगों में कोयला और शोर करने वाली मशीनों से श्रमिकों पर गहरा असर पड़ता है, जिसका दीर्घकालिक खतरा उन्हें तुरंत समझ नहीं आता।

राष्ट्रीय व्यावसायिक स्वास्थ्य संस्थान-अहमदाबाद की कार्यक्रम अधिकारी पारुल वत्स और सूचना अधिकारी अजय नीरजे ने पर्यावरण सूचना और जागरूकता कार्यक्रमों की जानकारी दी।

इस अवसर पर चैंबर के मानद कोषाध्यक्ष मितेश मोदी, उद्योग जगत के प्रतिनिधि, पेशेवर और श्रमिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन उप-सचिव पॉलिक देसाई ने किया।

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