सूरत : व्हाइट लोटस इंटरनेशनल स्कूल में दादा-दादी और नाना-नानी संग रास-गरबा उत्सव
सूरत । व्हाइट लोटस इंटरनेशनल स्कूल, वेसु का प्रांगण रंगों, संगीत और उल्लास से गूंज उठा, जब विद्यालय में “दादा-दादी और नाना-नानी संग रास-गरबा” का अनोखा आयोजन शनिवार, 20 सितम्बर 2025 को किया गया। यह उत्सव विशेष रूप से केवल दादा-दादी, नाना-नानी और उनके पोते-पोतियों के लिए आयोजित किया गया, जिसने दो पीढ़ियों को एक साथ लाकर संस्कृति और स्नेह का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक ढंग से अतिथि रूप में आमंत्रित दादा-दादी और नाना-नानी के स्वागत से हुई। रंग-बिरंगे परिधानों में सजे-धजे जब वे अपने नन्हें पोते-पोतियों के साथ मंच पर पहुँचे, तो वातावरण तालियों और मुस्कानों से गूंज उठा। सबसे पहले आयोजित हुआ रैम्प वॉक, जिसमें वरिष्ठजन ने आत्मविश्वास और सौम्यता से कदम बढ़ाए, और पोते-पोतियों की चमकती आँखों में गर्व और खुशी छलक उठी।
इसके बाद शुरू हुए मनोरंजक खेल, जिनमें दादा-दादी और नाना-नानी ने पूरे उत्साह से भाग लिया। बच्चों संग खेलते हुए उनके चेहरे पर झलकती हंसी और चंचलता ने यह साबित कर दिया कि उम्र भले ही बढ़ जाए, लेकिन मन सदा जवान रहता है।
शाम का मुख्य आकर्षण रहा रास-गरबा, जहाँ दादा-दादी और नाना-नानी अपने पोते-पोतियों के साथ पारंपरिक संगीत और ढोल की ताल पर थिरके। छोटे-छोटे हाथ जब अनुभवी हाथों में थामे हुए गरबा की गोलाई में घूमे, तो यह दृश्य केवल एक नृत्य नहीं बल्कि पीढ़ियों के अटूट बंधन और संस्कृति के हस्तांतरण का प्रतीक बन गया।
विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती पुरविका सोलंकी ने इस अवसर पर कहा: “व्हाइट लोटस इंटरनेशनल स्कूल में शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं है। हम चाहते हैं कि हमारे विद्यार्थी परिवार के रिश्तों और भारतीय संस्कृति की गहराई को भी आत्मसात करें। दादा-दादी और नाना-नानी संग बच्चों को हँसते-खेलते और गरबा नाचते देखना वास्तव में हृदयस्पर्शी अनुभव रहा। यही वे संस्कार और मूल्य हैं जिन्हें हम अपने छात्रों में संजोना चाहते हैं।”
अंत में आशीर्वाद, मुस्कुराहटों और यादों से सराबोर यह उत्सव समाप्त हुआ। सभी के लिए यह केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि स्नेह, परंपरा और पीढ़ियों को जोड़ने वाला अविस्मरणीय अनुभव बन गया।