सूरत : रामलीला महोत्सव में ताड़का वध से लेकर अहिल्या उद्धार तक भावपूर्ण मंचन
दर्शक भावविभोर, बुधवार को होगा शिव धनुष प्रसंग और धनुष यज्ञ
श्री आदर्श रामलीला ट्रस्ट के तत्वावधान में वेसु में चल रहे रामलीला महोत्सव में मंगलवार रात भगवान श्रीराम की विभिन्न लीलाओं का मंचन किया गया। इस अवसर पर ताड़का वध, सुबाहु-मारीच वध, अहिल्या उद्धार और पुष्प वाटिका लीला के प्रसंगों ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
ट्रस्ट अध्यक्ष रतन गोयल और मंत्री अनिल अग्रवाल ने बताया कि लीला की शुरुआत में विश्वामित्र ऋषि, राजा दशरथ के दरबार में पहुंचे और राम-लक्ष्मण को अपने साथ मांगते हैं। राजा दशरथ प्रेमवश मना कर देते हैं, लेकिन गुरु वशिष्ठ के समझाने पर अंततः दोनों भाइयों को विश्वामित्र को सौंप देते हैं।
विश्वामित्र राम-लक्ष्मण को वन में लेकर जाते हैं और बताते हैं कि यहां ताड़का नाम की राक्षसी अपने पुत्र सुबाहु और मारीच के साथ उत्पात मचाती है। राम के हाथों ताड़का का वध होता है। इसके बाद राम अहिल्या का उद्धार कर उसे शापमुक्त करते हैं। आगे जनकपुरी की पुष्प वाटिका में माता सीता और श्रीराम की प्रथम भेंट का प्रसंग प्रस्तुत किया गया, जिसे देख दर्शक भावनाओं में डूब गए।
कार्यक्रम के अंत में आरती के बाद लीला को विराम दिया गया। आयोजकों ने बताया कि बुधवार, 24 सितंबर को लीला में राजा जनक को शिव धनुष प्राप्ति, धनुष यज्ञ और लक्ष्मण-परशुराम संवाद का मंचन किया जाएगा।