सूरत : धोराजिया परिवार ने किया नेत्रदान और देहदान
स्व. वल्लभभाई धोराजिया के परिजनों के प्रेरक निर्णय की सराहना
शहर के सरथाणा क्षेत्र निवासी स्व. वल्लभभाई मोहनभाई धोराजिया (उम्र 88, मूल निवासी – इंगोराला (भाड), तहसील खांभा, जिला अमरेली) के निधन पर उनके परिजनों ने नेत्रदान और देहदान का निर्णय लेकर मानवता की सेवा का प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है।
परिवार की ओर से पुत्र शंभुभाई, पुत्रवधू रश्मिता बेन, पुत्री गीताबेन बिपिनचंद्र पटेल, पुत्री गंगा (स्व. कंचनबेन बाबूलाल कुंभाणी), पुत्री भावना बेन रवजीभाई मालनी, पोती कृतती और पोते मनन सहित अन्य सदस्यों ने यह निर्णय लिया।
धोराजिया परिवार के इस निर्णय के तहत अमूल्य नेत्र और शरीर को इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी चोर्यासी शाखा, लायन्स क्लब ऑफ सूरत ईस्ट और लोक दृष्टि नेत्र बैंक के सहयोग से भारतीमैया कॉलेज ऑफ ऑप्टोमेट्री एवं फिजियोथेरपी, डुमस रोड को अर्पित किया गया।
डॉ. प्रफुल शिरोया ने कहा कि नेत्रदान और देहदान आने वाली पीढ़ियों के सुखद भविष्य और मानवता के कल्याण के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने बताया कि चिकित्सा शिक्षा में विद्यार्थियों के लिए शरीर की आंतरिक रचना का अध्ययन और शोध ऐसे दान से ही संभव है।
उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे नेत्रदाता, देहदाता और अंगदाता बनने का संकल्प लें। काली किरण (कॉर्नियल बीमारी) के कारण दृष्टिहीन लोगों को फिर से दृष्टि दिलाने के लिए समाज को सेतु बनकर योगदान देना चाहिए, ताकि "कॉर्नियल ब्लाइंडनेस मुक्त भारत अभियान" को गति मिल सके।
धोराजिया परिवार के इस कदम की सराहना भारतीमैया ट्रस्ट, समाजसेवक महेंद्रभाई कतारगामवाला, डॉ. महेंद्रसिंह चौहान, लायन्स क्लब ऑफ सूरत ईस्ट के जगदीश बोडरा, किशोर मंगोलिया, रोटरी क्लब ऑफ सूरत ईस्ट, रेड क्रॉस सोसायटी चोर्यासी शाखा के राजुभाई रादडिया, कृषल बिपिनभाई पटेल, महेशभाई शिरोया और लोक दृष्टि नेत्र बैंक के ट्रस्टी सदस्यों ने की।