सूरत : बुलेट ट्रेन स्टेशन क्षेत्र विकास पर सूडा और जेआईसीए की अहम बैठक
भारत में पहली बार पाँच टीपी योजनाओं के ज़रिए सूरत बनेगा मॉडल शहरी विकास का केंद्र
सूरत। शहर के इतिहास में विकास का नया अध्याय लिखते हुए, आज सूरत शहरी विकास प्राधिकरण (सूडा) में जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) की आठ सदस्यीय टीम के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता सूडा अध्यक्ष शालिनी अग्रवाल ने की।
पाँच टीपी योजनाएँ : देश में पहली पहल
भारत में पहली बार, बुलेट ट्रेन स्टेशन क्षेत्र विकास के लिए सूरत में पाँच टाउन प्लानिंग (टीपी) योजनाएँ – 61, 62-ए, 62-बी, 62-के और 63 तैयार की गई हैं।
टीपी योजना 61 (कोसमाडा-ओवियान-छेड़छा) और 63 को राज्य सरकार ने पहले ही मंजूरी दे दी है।
योजना 61 को प्रारंभिक नगर नियोजन योजना के रूप में सरकार को भेजा गया है।
शेष तीन योजनाओं (62-ए, 62-बी, 62-के) में सेंट्रल प्लाजा, ग्रीन कॉरिडोर, गैर-मोटर चालित परिवहन, लेकफ्रंट विकास और एमआईसीई सुविधाएँ शामिल हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर की शहरी सुविधाएँ
इन योजनाओं के माध्यम से सूरत में पर्यावरण अनुकूल, आधुनिक और विश्वस्तरीय शहरी जीवन को बढ़ावा मिलेगा। नागरिकों को ग्रीन ट्रांसपोर्ट, अत्याधुनिक सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र, और उन्नत बुनियादी ढाँचे जैसी सुविधाएँ मिलेंगी।
जेआईसीए की सराहना
जेआईसीए के वरिष्ठ अधिकारी अकिमोरा ने कहा कि “सूरत में बुलेट ट्रेन स्टेशन क्षेत्र का विकास एशियाई स्तर पर एक मॉडल बन सकता है।” टीम ने सूरत के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए योजनाओं को समयसीमा और अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ लागू करने पर बल दिया।
दौरे पर आई जेआईसीए टीम
अकिमोरा (परियोजना प्रमुख – स्टेशन क्षेत्र विकास)
यामादा (शहरी योजनाकार)
शिबुया (शहरी परिवहन)
ताकुमा नाओतो (शहरी योजना सहायता)
हरादा योइची (पर्यावरण मूल्यांकन)
डो लियो (परिवहन योजनाकार)
सैतो (परिवहन योजनाकार)
त्सुकामोतो (परिसंपत्ति व्यवसाय प्रबंधक)