सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स ने आयोजित किया ‘हेल्थ कॉन्क्लेव 2025’

निवारक स्वास्थ्य पर जोर, आईएमए और चैंबर ने एम्स स्तर का अस्पताल बनाने सहित कई पहलें कीं

सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स ने आयोजित किया ‘हेल्थ कॉन्क्लेव 2025’

 दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने रविवार, 14 सितम्बर 2025 को सरसाणा स्थित एसआईईसीसी परिसर के प्लैटिनम हॉल में ‘हेल्थ कॉन्क्लेव 2025’ का आयोजन किया। कार्यक्रम में 1000 से अधिक लोगों ने भाग लिया और निवारक स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्राप्त की।

मुख्य अतिथि के रूप में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनिल नायक उपस्थित रहे। विशेष अतिथि के रूप में लिंबायत विधायक श्रीमती संगीताबेन पाटिल, आईएमए गुजरात प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मेहुल शाह, वीएनएसजीयू के कुलपति डॉ. किशोर सिंह चावड़ा और हेमचंद्राचार्य उत्तर गुजरात विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. के.सी. पोरिया मौजूद रहे।

इस अवसर पर चैंबर और आईएमए के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इसमें सूरत में एम्स स्तर का अस्पताल बनाने, औद्योगिक श्रमिकों के स्वास्थ्य सुधार के लिए संयुक्त प्रयास और पाँच हजार टीबी रोगियों को गोद लेने का निर्णय शामिल है।

चैंबर अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने बताया कि भारत में 60 प्रतिशत मौतें गैर-संचारी रोगों जैसे मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, कैंसर और श्वसन रोगों से होती हैं। देश में वर्तमान में 11 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित हैं। ऐसे समय में निवारक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

डॉ. अनिल नायक ने कहा कि “जीवन में धन कमाया जा सकता है, लेकिन स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन है। 40 वर्ष की आयु के बाद प्रतिदिन कम से कम 40 मिनट पैदल चलना अनिवार्य है, अन्यथा आगे चलना ही मुश्किल हो जाएगा।” उन्होंने संतुलित आहार, पर्याप्त पानी, 8 घंटे की नींद और तनावमुक्त जीवनशैली पर जोर दिया।

विधायक संगीताबेन पाटिल ने कहा कि अस्वस्थ व्यक्ति समाज को कमजोर बनाता है और कमजोर समाज प्रगति नहीं कर सकता। उन्होंने मोटापा, कुपोषण और तनाव जैसी समस्याओं पर चिंता जताते हुए स्वस्थ जीवनशैली और प्रधानमंत्री के फिट इंडिया मूवमेंट पर बल दिया। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऐसे हेल्थ कॉन्क्लेव आयोजित करने का सुझाव दिया।

आईएमए गुजरात अध्यक्ष डॉ. मेहुल शाह ने कहा कि जब भोजन, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं निःशुल्क मिलती हैं, तभी समाज सशक्त बनता है। उन्होंने उद्योग जगत से औद्योगिक श्रमिकों और उनके परिवारों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लेने का आह्वान किया।

दक्षिण गुजरात वीर नर्मद युनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. किशोर सिंह चावड़ा ने कहा कि अधिकांश समस्याएं मानसिक तनाव से उत्पन्न होती हैं। वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य जरूरतें बढ़ रही हैं और भविष्य में चिकित्सा खर्च हर घर पर भारी बोझ बन सकता है, इसलिए भारतीय संस्कृति और जीवनशैली का पालन करना आवश्यक है।

हेमचंद्राचार्य उत्तर गुजरात युनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. के.सी. पोरिया ने कहा कि कोरोना काल में दुनिया ने देखा कि भारत ने अपने नागरिकों का किस प्रकार ध्यान रखा। उन्होंने स्वच्छ पर्यावरण और संतुलित जीवन को स्वास्थ्य का आधार बताया। कार्यक्रम में निवारक स्वास्थ्य और स्वस्थ समाज निर्माण पर गहन विचार-विमर्श हुआ और उपस्थित जनसमूह ने जीवनशैली सुधार के लिए संकल्प लिया।

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