सूरत : इम्पेक्ट फिस आवेदनों के निपटान में ढिलाई पर महापौर और स्थायी समिति अध्यक्ष ने जताई नाराज़गी

35 हजार से अधिक आवेदन में से केवल 7300 स्वीकृत, 11 हजार से अधिक अब भी लंबित

सूरत : इम्पेक्ट फिस आवेदनों के निपटान में ढिलाई पर महापौर और स्थायी समिति अध्यक्ष ने जताई नाराज़गी

सूरत। राज्य सरकार द्वारा गुजरात अनधिकृत विकास नियमितीकरण (संशोधन) अधिनियम के तहत प्रभाव शुल्क अधिनियम लागू करने के बावजूद अपेक्षित परिणाम सामने नहीं आ रहे हैं। सूरत महानगरपालिका में अब तक ऑनलाइन और ऑफलाइन मिलाकर 35 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से लगभग 68% आवेदनों का निपटारा किया जा चुका है, लेकिन 11 हजार से अधिक आवेदन अभी भी लंबित हैं।

शुक्रवार को महापौर दक्षेश मावाणी और स्थायी समिति अध्यक्ष राजन पटेल ने नगर निगम आयुक्त से लंबित आवेदनों के शीघ्र निपटान की व्यवस्था करने का आग्रह किया। उन्होंने संदेह जताया कि नकारात्मक निपटान और लंबित आवेदनों के पीछे निगम के ठेकेदारों और कर्मचारियों की मिलीभगत हो सकती है।

जानकारी के अनुसार, कई मामलों में फाइल जमा करने वाले आर्किटेक्ट आवश्यक दस्तावेज समय पर प्रस्तुत नहीं कर रहे हैं। शिकायतें यह भी हैं कि कर्मचारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से आवेदकों से दस्तावेज लेकर उन्हें जमा ही नहीं किया जा रहा है। परिणामस्वरूप, अनेक आवेदन निरस्त या अधूरे रह जाते हैं।

दोनों पदाधिकारियों ने आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि खारिज और लंबित आवेदनों के लिए संबंधित जोन/विभाग से तुरंत स्पष्टीकरण मांगा जाए। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य अधिकतम प्रभावित लोगों को इस कानून का लाभ पहुँचाना है, लेकिन सूरत में प्रक्रिया अटक रही है।

उल्लेखनीय है कि अब तक 35 हजार आवेदनों में से केवल 7300 स्वीकृत, 16,500 खारिज और 11 हजार से अधिक आवेदन लंबित हैं। महापौर और स्थायी समिति अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि निगम को पारदर्शिता लाकर यह सुनिश्चित करना होगा कि अधिकतम नागरिकों को योजना का लाभ समय पर मिल सके।

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