सूरत की नई पहल: देश की पहली ग्रीन व्हीकल पॉलिसी-2025 का शुभारंभ
केंद्रीय मंत्री सी.आर. पाटिल ने किया लोकार्पण, सफाई कर्मचारियों के लिए 10 करोड़ रुपये के कल्याण कोष की घोषणा, कैलाश खेर ने दिए सुरों का तोहफ़ा
सूरत। स्वच्छता और हरित परिवहन के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने वाले सूरत ने एक और ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है। सोमवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने देश की पहली “सूरत ग्रीन व्हीकल पॉलिसी-2025” का शुभारंभ किया। इस नीति के ज़रिए सूरत को ई-मोबिलिटी का हब बनाने और प्रदूषण मुक्त परिवहन व्यवस्था को गति देने का लक्ष्य रखा गया है।
इंडोर स्टेडियम, अठवालाइन्स में आयोजित भव्य समारोह में 163 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का शिलान्यास और 21 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण किया गया। साथ ही, सफाई कर्मचारियों के आर्थिक और सामाजिक कल्याण के लिए “सफाई योद्धा कल्याण कोष” की शुरुआत की गई, जिसमें प्रारंभिक चरण में 10 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है।
कार्यक्रम में गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी, वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री मुकेश पटेल, सांसद मुकेश दलाल, महापौर दक्षेश मावाणी, जिला कलेक्टर डॉ. सौरभ पारधी, नगर आयुक्त शालिनी अग्रवाल समेत अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी और नागरिक उपस्थित रहे।
मंत्री सी.आर. पाटिल ने अपने संबोधन में कहा “सूरत को ‘खूबसूरत’ बनाने में सफाई कर्मचारियों की भूमिका अद्वितीय है। उनके कल्याण और सामाजिक-आर्थिक उन्नति के लिए ब्याज मुक्त ऋण, आवास, ई-वाहन, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी और उच्च शिक्षा सहायता जैसी सुविधाएं इस कोष से प्रदान की जाएंगी।”
उन्होंने बताया कि सूरत नगर निगम न केवल ग्रीन व्हीकल पॉलिसी लागू करने वाला देश का पहला निगम बना है, बल्कि आने वाले 50 वर्षों की जनसंख्या वृद्धि और शहरी विकास को ध्यान में रखते हुए जल और आधारभूत ढांचे की योजनाएँ भी बना चुका है।
कार्यक्रम की शाम को प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर ने अपने लाइव कॉन्सर्ट से सूरतवासियों को सुरों की सौगात दी और पूरे वातावरण को भावनाओं से भर दिया।
गौरतलब है कि यह कार्यक्रम यूथ फॉर गुजरात चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित हुआ, जिसके माध्यम से 20 लाख रुपये का वित्तीय कोष सूरत नगर निगम को समर्पित किया गया। साथ ही सफाई कर्मचारियों के लिए 10 करोड़ रुपये जुटाने की विस्तृत योजना बनाई गई है।
सूरत ग्रीन व्हीकल पॉलिसी-2025 क्या है?
सूरत नगर निगम ने भारत में पहली बार शहर स्तर पर एक अभिनव नीति लागू की है। इसका उद्देश्य शहर में वायु प्रदूषण को कम करना, इलेक्ट्रिक, हाइड्रोजन, जैव-ईंधन और इथेनॉल आधारित वाहनों को बढ़ावा देना और लोगों को ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ कदम उठाने के लिए स्वच्छ ऊर्जा की ओर ले जाना है।
इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों को 3 हज़ार रुपये से एक लाख रुपये तक का सीधा लाभ मिलेगा, वाहन के प्रकार और कीमत के आधार पर वाहन कर में पाँच साल की रियायत, पर्यावरण शुल्क में छूट और नगर निगम द्वारा संचालित पार्किंग स्थलों में 10% स्थान ग्रीन वाहनों के लिए आरक्षित होगा। ई-ऑटो रिक्शा के लिए विशेष प्रोत्साहन दिए जाएँगे। भविष्य में, आरटीओ में केवल ई-ऑटो रिक्शा ही पंजीकृत होंगे, और हाइड्रोजन बसें चलाने की योजना है।
इस नीति के तहत, शहर में पीपीपी मॉडल के तहत 450 से अधिक चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएँगे। एक ग्रीन व्हीकल सेल का गठन किया जाएगा, जिसमें तकनीकी और संचालन समितियाँ होंगी। नागरिकों को ग्रीन व्हीकल पोर्टल के माध्यम से जानकारी मिलेगी। नगर निगम निधि, ग्रीन बॉन्ड और सीएसआर के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।