सूरत : तेलुगु समाज में गणेशोत्सव पर प्रसादी के लड्डु की नीलामी, करोड़ों तक पहुँची बोली

हैदराबाद से शुरू हुई परंपरा अब सूरत में भी लोकप्रिय, भक्तों को लड्डु से मिलती है ‘सुख-समृद्धि’ की आस्था

सूरत : तेलुगु समाज में गणेशोत्सव पर प्रसादी के लड्डु की नीलामी, करोड़ों तक पहुँची बोली

सूरत। विश्वभर में हिन्दू समाज गणेशोत्सव को भक्ति और उल्लास के साथ मनाता है। तेलंगाना में 1994 से गणेश विसर्जन से पहले पंडालों में प्रसादी के लड्डु की नीलामी करने की परंपरा शुरू हुई थी। इसी परंपरा को सूरत में बसे तेलुगु समाज ने 2003 से अपनाया और अब यह शहर में एक विशेष आकर्षण बन चुकी है।

लड्डु की नीलामी में न केवल तेलुगु समाज के लोग, बल्कि सूरत के स्थानीय लोग भी उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल भी पूर्व में इस नीलामी में बोली लगाकर प्रसाद प्राप्त कर चुके हैं।

लिंबायत, परवत, कुंभारिया, गोडादरा, डिंडोली और पांडेसरा जैसे तेलुगु बहुल इलाकों में गणेश विसर्जन से एक दिन पहले यह नीलामी होती है। श्रद्धालुओं का मानना है कि नीलामी से प्राप्त लड्डु को खेतों में छिड़कने से अच्छी फसल होती है और अगर उस स्थान पर बोरिंग की जाए तो जल की प्राप्ति अधिक होती है। साथ ही, यह प्रसाद सुख-शांति और कारोबार में तरक्की का भी प्रतीक माना जाता है।

सूरत में पद्मशाली समाज के अग्रणी रापोलु बुच्चिरामोलु ने जानकारी देते हुए कहा कि तेलंगाना के हैदराबाद के खैरताबाद गणेश की भव्य मूर्ति विशेष प्रसिद्ध है, जहाँ पद्मशाली समाज जनोई अर्पित करता है। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष बंदलागुड्डा (हैदराबाद) के कीर्ति रिचमंड विलास में 10 किलो लड्डु की नीलामी 2.32 करोड़ में हुई, जो अब तक का रिकॉर्ड है। पिछले वर्ष यह बोली 1.87 करोड़ तक पहुँची थी। वहीं, हैदराबाद के मादापुर में एक अन्य पंडाल में लड्डु की नीलामी 51,99,999 में हुई।

सूरत में भी इस परंपरा ने जोर पकड़ा है। परवत क्षेत्र के एकतानगर गु.हा. बोर्ड में 31 किलो लड्डु के लिए श्री मार्चेला सतीश ने 43,500 की बोली लगाई।गोडादरा में सुमनश्रृति आवास के नवीन ए. ने 37,001 की बोली लगाई।कुंभारिया की सुड़ा सहकार रेसिडेंसी में दासरी सूर्यनारायण ने भी 37,001 में प्रसाद प्राप्त किया। लिंबायत के मार्कंडेश्वर चौक पर ‘लिंबायत का राजा’ पंडाल में गौरी महेश ने ₹28,500 की बोली लगाई।

इस प्रकार तेलंगाना से लेकर सूरत तक गणेशोत्सव के दौरान प्रसादी के लड्डु की नीलामी भक्तिभाव और आस्था का अनोखा संगम प्रस्तुत करती है, जो समाज में भक्ति, परंपरा और समृद्धि का संदेश देती है।

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