सूरत नगर निगम ने गणेश उत्सव को 'फूलों से खाद' अभियान से बनाया पर्यावरण-अनुकूल

एक दिन में 3,222 किलोग्राम फूल एकत्रित; वर्मी-कम्पोस्ट प्लांट में बनेगी जैविक खाद

सूरत नगर निगम ने गणेश उत्सव को 'फूलों से खाद' अभियान से बनाया पर्यावरण-अनुकूल

सूरत। भारत के सबसे स्वच्छ शहर, सूरत में गणेशोत्सव को और भी हरित और स्वच्छ बनाने के लिए नगर निगम ने एक अनूठी पहल शुरू की है। इस अभियान के तहत, गणेश पंडालों में चढ़ाए गए फूलों और मालाओं को कूड़ेदान में फेंकने के बजाय, वर्मी-कम्पोस्ट प्लांट में भेजकर जैविक खाद बनाई जाएगी। इस पहल को "फूलों से खाद" नाम दिया गया है।

इस अभियान  में फूलों का संग्रहण के लिए नगर निगम ने 1,300 से अधिक बड़े गणेश पंडालों से फूल इकट्ठा करने के लिए 12 ई-वाहनों की व्यवस्था की है।

नागरिकों से अपील है कि1,700 से अधिक छोटे पंडालों से फूलों को पास के वार्ड कार्यालयों में जमा करने की अपील की गई है। इस तरह, कुल 3,000 से अधिक पंडालों से फूलों का कचरा एकत्र किया जा रहा है।

पहले दिन की सफलता  28 अगस्त को अभियान के पहले दिन ही 3,222 किलोग्राम फूलों का कचरा एकत्र किया गया।एकत्र किए गए फूलों को सीधे मध्य और उत्तर क्षेत्र के वर्मी-कम्पोस्ट प्लांट में भेजा जा रहा है, जहाँ केंचुओं की मदद से जैविक खाद तैयार की जाएगी।

नगर निगम ने बताया कि गणेश विसर्जन के दिन, मूर्तियों के साथ विसर्जित होने वाले आभूषण, कपड़े और अन्य सामग्री भी अलग से एकत्र की जाएगी। इन सामग्रियों का उपयोग "बेस्ट फ्रॉम वेस्ट" की थीम पर स्वयं सहायता समूहों द्वारा किया जाएगा।

सूरत नगर निगम ने सभी गणेश मंडलों और नागरिकों से इस पर्यावरण-अनुकूल पहल में सहयोग करने की अपील की है ताकि एक हरित और स्वच्छ गणेशोत्सव मनाया जा सके।

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