सूरत : चैंबर ने जीएसटी 2.0 संशोधनों पर मार्गदर्शन सत्र आयोजित

ग्राहकों को कीमतों में राहत, छोटे व्यापारियों को कागजी कार्रवाई से छूट; कपड़ा-जूते उद्योग और आईटीसी उपकर पर स्पष्टता अभी बाकी

सूरत : चैंबर ने जीएसटी 2.0 संशोधनों पर मार्गदर्शन सत्र आयोजित

सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने बुधवार, 17 सितंबर 2025 को सरसाना स्थित समहति में जीएसटी 2.0 में किए गए संशोधनों पर एक मार्गदर्शन सत्र आयोजित किया।

इस सत्र में जैन एंड एसोसिएट्स के मैनेजिंग पार्टनर सीए नितेश जैन, कंधार मेहता एंड शाह की पार्टनर सीए रश्मिन वाजा और पुनीत प्रजापति एंड कंपनी के संस्थापक सीए पुनीत प्रजापति ने विस्तृत मार्गदर्शन दिया।

सुधारों के प्रमुख बिंदु इस प्रकार है। आवश्यक वस्तुओं पर 5%, अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं पर 18% और विलासिता की वस्तुओं पर 40% जीएसटी लागू होगा। कृषि और हस्तशिल्प क्षेत्र में ट्रैक्टर और उर्वरक रसायनों पर 5% जीएसटी। स्वास्थ्य और बीमा क्षेत्र पर बोझ में कमी।

छोटे व्यापारियों को कागजी कार्रवाई से राहत; 2 करोड़ रुपये तक वार्षिक कारोबार वाले व्यापारियों को रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता नहीं। नए व्यापारियों को अब सिर्फ 3 दिनों में जीएसटी पंजीकरण की मंजूरी। पुराने स्टॉक पर एमआरपी बदलने की आवश्यकता नहीं, केवल पुनः लेबलिंग पर्याप्त।

जीएसटी दर में कमी का लाभ ग्राहकों तक पहुँचाना अनिवार्य, उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई। राष्ट्रीय मुनाफाखोरी निरोधक प्राधिकरण समाप्त, अब मामले जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण को भेजे जाएंगे। व्यापार के बाद दी जाने वाली छूट पर अब दोहरा कर नहीं लगेगा। कई उत्पादों से क्षतिपूर्ति उपकर हटा, लेकिन आईटीसी उपकर पर स्पष्टता अभी लंबित।

चार्टर्ड अकाउंटेंट विशेषज्ञों ने कहा कि इन बदलावों से आम उपभोक्ता को सीधे तौर पर कीमतों में कमी का लाभ मिलेगा। छोटे उद्योगों और पेशेवरों के लिए अनुपालन सरल होगा। हालाँकि, कपड़ा-जूते उद्योग और आईटीसी उपकर पर स्थिति स्पष्ट नहीं है, जिससे उल्टा शुल्क ढाँचा और रिफंड से जुड़ी समस्याएँ बनी हुई हैं।

चैंबर अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने कहा कि जीएसटी 1.0 भारतीय अर्थव्यवस्था का ऐतिहासिक सुधार था और अब जीएसटी 2.0 उद्योगों को अधिक पारदर्शिता और दक्षता की ओर ले जाएगा। आने वाले समय में ऐसे सत्र लगातार आयोजित किए जाएंगे ताकि उद्यमियों को नई कर व्यवस्था को समझने और लागू करने में मदद मिल सके।

सत्र का संचालन मुकुंद चौहान (अध्यक्ष, जीएसटी समिति) ने किया। ग्रुप चेयरमैन सीए हार्दिक शाह ने रूपरेखा प्रस्तुत की, जबकि मानद मंत्री बिजल जरीवाला, मानद कोषाध्यक्ष सीए मितेश मोदी, उद्यमी, सीए प्रोफेशनल्स और छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। अंत में सीए शैलेश लखनकिया ने आभार व्यक्त किया।

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