गुजरात में नवरात्रि का पर्व विशेष, धर्म के साथ गीत-संगीत का अनोखा अंदाज
युवा-युवतियाँ पारंपरिक चनिया-चोली और केडिया-धोती पहनकर रंग-बिरंगे परिधानों में गरबा की प्रस्तुतियाँ
सूरत। सम्पूर्ण भारतवर्ष में नवरात्रि का पर्व बड़ी धूमधाम और आस्था के साथ मनाया जाता है। यह प्रमुख धार्मिक उत्सव वर्ष में दो बार आता है—एक बार चैत्र (मार्च–अप्रैल) में और दूसरी बार आश्विन (सितम्बर–अक्टूबर) में।
लेकिन यदि गुजरात की बात करें तो यहाँ नवरात्रि का उत्सव धार्मिक भावना के साथ-साथ एक भव्य सांस्कृतिक पर्व के रूप में भी मनाया जाता है। माँ दुर्गा की पूजा-अर्चना के साथ-साथ गीत, संगीत और नृत्य से सजीव वातावरण पूरे राज्य में देखने को मिलता है।
गरबा और डांडिया इस पर्व की विशेष पहचान हैं। सूरत की गलियों से लेकर बड़े-बड़े आयोजन स्थलों तक हर जगह प्रकाश की जगमगाहट और भक्तिमय माहौल छाया रहता है। युवा-युवतियाँ पारंपरिक चनिया-चोली और केडिया-धोती पहनकर रंग-बिरंगे परिधानों में गरबा की प्रस्तुतियाँ देते हैं।
आज की युवा पीढ़ी के लिए यह पर्व केवल धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि उत्साह, उमंग और आनंद का प्रतीक बन चुका है। नवरात्रि का आगमन होते ही पूरे गुजरात में उत्सव का उल्लास और भक्ति का संगम देखने को मिलता है।