सूरत : उकाई बांध से छोड़े गए पानी से तापी नदी लबालब, डक्का घाट की कृत्रिम झील डूबी
गणेश विसर्जन से पहले नगर पालिका और आयोजकों की चिंता बढ़ी
सूरत। गणेश उत्सव अपने अंतिम चरण में है, लेकिन उकाई बांध से छोड़े गए पानी ने शहर प्रशासन की परेशानी बढ़ा दी है। तापी नदी में छोड़े गए 1.63 लाख क्यूसेक पानी के कारण, डक्का घाट पर गणेश विसर्जन के लिए बनाई गई कृत्रिम झील पूरी तरह नदी के पानी में समा गई है।
शनिवार को होने वाले गणेश विसर्जन से पहले सबसे बड़ा सवाल यह है कि कोट इलाके (पुराने शहर) में पाँच फीट से छोटी प्रतिमाओं का विसर्जन अब कहाँ और कैसे किया जाए। आयोजक और प्रशासन दोनों ही समाधान की तलाश में जुटे हैं।
बीते 24 घंटे से हो रही भारी बारिश और उकाई डैम से पानी छोड़े जाने के कारण तापी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।तापी नदी अब दोनों किनारों पर बह रही है। बहाव तेज होने से नावड़ी घाट और डक्का घाट जलमग्न हो गए हैं। नगर निगम द्वारा तैयार की गई कृत्रिम झीलें भी पानी में समा चुकी हैं।
सूरत में इस वर्ष 80 हजार से अधिक गणेश प्रतिमाएँ स्थापित हुई हैं। नगर निगम ने विसर्जन के लिए शहर के विभिन्न क्षेत्रों में 21 कृत्रिम झीलें बनाई थीं, जिनमें से डक्का घाट की झील का डूब जाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।
कोट क्षेत्र की बड़ी संख्या में छोटी प्रतिमाओं का विसर्जन डक्का घाट में होना था। अब प्रशासन को वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी ताकि श्रद्धालुओं को विसर्जन में परेशानी न हो और सुरक्षा भी बनी रहे।
प्रशासन की निगाहें मौसम और पानी के स्तर पर है। गणेश विसर्जन से पहले नगर निगम और पुलिस प्रशासन की चिंताएँ बढ़ गई हैं। अगर जलस्तर कल तक कम नहीं हुआ, तो वैकल्पिक स्थानों पर विसर्जन करना पड़ सकता है।