सूरत : विझिंजम अंतर्राष्ट्रीय समुद्री बंदरगाह भारत का पहला अर्ध-स्वचालित कंटेनर ट्रांसशिपमेंट हब

बंदरगाह पर महिला कर्मचारियों द्वारा संचालन,  हर साल 1700 करोड़ रुपये की बचत का अनुमान

सूरत : विझिंजम अंतर्राष्ट्रीय समुद्री बंदरगाह भारत का पहला अर्ध-स्वचालित कंटेनर ट्रांसशिपमेंट हब

सूरत। केरल के तिरुवनंतपुरम ज़िले स्थित अदाणी ग्रुप द्वारा संचालित विझिंजम अंतर्राष्ट्रीय समुद्री बंदरगाह एक मात्र ऐसा बंदरगाह जिसमें महिलाए कर्मचारियों की भी सहभागीता है । अरब सागर के दक्षिण-पूर्वी छोर पर स्थित यह बंदरगाह भारत के समुद्री व्यापार के लिए एक गेम-चेंजर साबित होने वाला है।

अदाणी विझिंजम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (AVPPL) द्वारा विकसित यह परियोजना भारत का पहला अर्ध-स्वचालित कंटेनर ट्रांसशिपमेंट हब है। यहाँ 20 मीटर तक की प्राकृतिक गहराई और सिर्फ 10 नॉटिकल मील दूर अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग मार्गों की निकटता इसे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाती है।
अदाणी विझिंजम पोर्ट 

अधिकारियों ने बताया कि  भारत के बंदरगाहों से हर साल करीब 4.30 मिलियन TEU कंटेनर ट्रांसशिप होते हैं, जिनमें से लगभग 68% कंटेनर कोलंबो और सिंगापुर जैसे विदेशी बंदरगाहों पर स्थानांतरित किए जाते थे। इसके चलते भारत को हर साल लगभग 1700 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान उठाना पड़ता है। विझिंजम बंदरगाह चालू होने के बाद यह गतिविधियाँ भारत में ही होंगी।

बंदरगाह में दो अत्याधुनिक कंटेनर बर्थ, 3 किमी लंबा ब्रेकवाटर, 63 हेक्टेयर का बैकअप यार्ड और 8 रेल माउंटेड क्वे क्रेन (RMQC) व 24 कैंटिलीवर रेल माउंटेड गैन्ट्री क्रेन (CRMG) लगाए जा रहे हैं। यह बंदरगाह भारत का पहला स्मार्ट पोत यातायात प्रबंधन प्रणाली (VTMS) से लैस है।

अदाणी पोर्ट्स के अधिकारियों ने बताया कि विझिंजम ने अपनी शुरुआती उपलब्धियों में दुनिया के सबसे बड़े जहाज़ एमएससी इरिना और 399 मीटर लंबे एमएससी तुर्किये को हैंडल किया है। महज़ आठ महीने में ही इसने 10 लाख TEU वार्षिक क्षमता पार कर इतिहास रच दिया।

विझिंजम बंदरगाह आधुनिक तकनिक और एआई की मदद से सेमी ऑटोमेटीक ऑपरेटेड होने से इस बंदरगाह पर महिला कर्मचारीयों को भी रोजगार मिल रहा है।

अधिकारियों का मानना है कि यह बंदरगाह न सिर्फ भारत की समुद्री क्षमता को मज़बूत करेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर हज़ारों रोज़गार अवसर और केरल के लिए सबसे बड़ा निजी निवेश भी लेकर आएगा।

अदाणी ग्रुप द्वारा जल्द ही विझिंजम बंदरगाह के दुसरे फेस का कार्य शुरू किया जायेगा जिससे बंदरगाह की कंटेनर लोडिंग अनलोडिंग क्षमता में और वृध्दि होगी।

भारत सरकार के बंदरगाह मंत्रालय द्वारा जारी समुद्री अमृतकल विज़न 2047 के अनुसार विझिंजम बंदरगाह के दुसरा फेस चालू होने से न केवल भारत की विदेशी निर्भरता कम होगी, बल्कि यह देश को वैश्विक शिपिंग मानचित्र पर एक नई पहचान भी देगा।