सूरत : चैंबर ने नई दिल्ली में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के अध्यक्ष के समक्ष टेक्सटाइल रो-मटिरियल पर जीएसटी घटाने की पेशकश की 

देश भर के सभी एमएमएफ कपड़ा संघों के साथ मिलकर 2500 रुपये से अधिक मूल्य के परिधानों पर भी दर 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने की मांग की

सूरत : चैंबर ने नई दिल्ली में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के अध्यक्ष के समक्ष टेक्सटाइल रो-मटिरियल पर जीएसटी घटाने की पेशकश की 

दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (SGCCI) ने देशभर के सभी एमएमएफ कपड़ा संघों के साथ मिलकर वस्त्र उद्योग को राहत देने के लिए सरकार से जीएसटी दरों में कटौती की मांग की है। शुक्रवार, 12 सितंबर 2025 को नई दिल्ली में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के अध्यक्ष संजय अग्रवाल के समक्ष चैंबर के उपाध्यक्ष अशोक जीरावाला, पूर्व अध्यक्ष आशीष गुजराती और अन्य प्रतिनिधियों ने यह प्रस्ताव रखा।

प्रस्ताव में कहा गया कि टेक्सटाइल के प्रथम कच्चे माल—पैराझाइलीन, कैप्रोलैक्टम, एमईजी, पीटीए, डिसॉल्विंग ग्रेड वुड पल्प, नायलॉन और पॉलिएस्टर चिप्स—पर वर्तमान 18 प्रतिशत जीएसटी दर को घटाकर 5 प्रतिशत किया जाए। उद्योगपतियों ने दलील दी कि 18 प्रतिशत की दर वहनीय नहीं है और इससे निवेश पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

इसके अलावा, सरकार द्वारा 2500 रुपये से अधिक मूल्य के परिधानों पर लागू 18 प्रतिशत जीएसटी को भी घटाकर 5 प्रतिशत करने की मांग की गई। प्रतिनिधियों ने कहा कि इतनी ऊंची दर उपभोक्ताओं पर बोझ डालेगी और परिधान महंगे हो जाएंगे।

चैंबर उपाध्यक्ष अशोक जीरावाला ने बताया कि इस मुद्दे पर CBIC अध्यक्ष संजय अग्रवाल के समक्ष विस्तृत प्रस्तुति दी गई। उन्होंने सभी तर्क शांतिपूर्वक सुने और आश्वासन दिया कि मामले पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले 9 सितंबर को SGCCI की अगुवाई में एक ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई थी। उसमें देशभर के एमएमएफ टेक्सटाइल एसोसिएशन प्रतिनिधियों ने आशंका जताई थी कि प्रथम कच्चे माल पर 18 प्रतिशत जीएसटी दर जारी रहने से सिंथेटिक यार्न स्पिनरों पर इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर का असर पड़ेगा और बड़ी मात्रा में आईटीसी क्रेडिट रिफंड सरकार के पास फंसा रह जाएगा। उद्योग जगत को उम्मीद है कि सरकार इस प्रस्ताव पर सकारात्मक निर्णय लेकर वस्त्र क्षेत्र को राहत प्रदान करेगी।

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