वडोदरा : मुख्यमंत्री ने दृष्टिबाधित छात्रा को दिया मंच, उसका भाषण सुना
वडोदरा शिखर सम्मेलन में गौरी शार्दुल का भावपूर्ण संबोधन, सुगम्य भारत अभियान की सराहना
आईईएलटीएस शहरी नवाचार एवं अवसंरचना शिखर सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की संवेदनशीलता और ईमानदारी का अनूठा उदाहरण सामने आया। मंच पर मौजूद एक दृष्टिबाधित छात्रा को उन्होंने न केवल प्रोत्साहित किया बल्कि स्वयं माइक्रोफोन देकर उसका भाषण भी सुना।
दरअसल, उर्मि स्कूल के दिव्यांग बच्चों को शिखर सम्मेलन में मुख्यमंत्री का स्वागत करने के लिए आमंत्रित किया गया था। इनमें कक्षा 10 की छात्रा गौरी शार्दुल भी शामिल थीं। गौरी ने मुख्यमंत्री को अपने हाथों से बनाई पेंसिल स्केच की फ्रेम भेंट की। दृष्टिबाधित होने के बावजूद इतनी सुंदर कृति देखकर मुख्यमंत्री प्रभावित हुए और उनसे बातचीत की।
जब गौरी ने कहा, “सर, मुझे दो शब्द कहने हैं”, तो मुख्यमंत्री ने तुरंत उसकी भावना समझी और मंच पर माइक्रोफोन मंगवाकर उसे बोलने का अवसर दिया। गौरी ने अपने संबोधन में कहा कि सुगम्य भारत अभियान ने दिव्यांगों के लिए जीवन को सरल बना दिया है। अब सरकारी भवन, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन अधिक सुलभ हो गए हैं और ब्रेल लिपि समेत शिक्षा व अन्य सुविधाओं से दिव्यांग बच्चों को बड़ा सहारा मिल रहा है।
गौरी के आत्मविश्वास और भावपूर्ण भाषण ने सभी का दिल जीत लिया। इस अवसर पर उर्मि स्कूल की अन्य छात्राएँ सरगम गुप्ता और राधिका नायर भी उपस्थित रहीं। यह घटना न केवल मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की बच्चों के प्रति दयालुता और संवेदनशीलता को दर्शाती है बल्कि दिव्यांग छात्रों के आत्मबल और प्रतिभा की मिसाल भी पेश करती है।