सूरत : बुलेट ट्रेन स्टेशन के पास टाउन प्लानिंग स्कीम 61 को मिली मंजूरी
मात्र 8 महीने में तैयार हुआ मसौदा, 100 साल बाद रचा गया नया इतिहास, स्टेशन के पास 3 लाख वर्ग मीटर का रोड नेटवर्क बनेगा
सूरत। देश के महत्वाकांक्षी मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट के तहत, सूरत में बन रहे बुलेट ट्रेन स्टेशन के आसपास के इलाके के विकास के लिए टाउन प्लानिंग (टीपी) स्कीम नंबर 61 का प्रारंभिक आदेश जारी किया गया है।
सूडा के अधिकारी शालीनी अग्रवाल (सूरत नगर निगम आयुक्त) के मार्गदर्शन में यह उपलब्धि केवल 8 महीनों की रिकॉर्ड अवधि में हासिल हुई है, जिसे राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
राज्य सरकार के शहरी विकास और शहरी गृह निर्माण विभाग के प्रवर नगर नियोजक के.डी. पटेल ने बताया कि टीपी स्कीम 61 (कोसमाड़ा-छेड़छा-ओवियाण) बुलेट ट्रेन स्टेशन के आसपास के 909 हेक्टेयर क्षेत्र में बनाई गई कुल 5 योजनाओं में से एक है। यह योजना इस क्षेत्र के समावेशी और भविष्योन्मुखी विकास का रोडमैप है, जो शहर के आर्थिक और आवासीय क्षेत्रों के साथ-साथ मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा।
इस स्कीम के तहत, लगभग 164 हेक्टेयर क्षेत्र में कुल 135 अंतिम भूखंडों को शामिल किया गया है। इन भूखंडों के मालिकों के सुझावों और आपत्तियों पर विचार करने के बाद, सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा कर यह आदेश जारी किया गया है।
के.डी. पटेल ने बताया कि इस टीपी स्कीम का प्रारंभिक आदेश 1 सितंबर, 2025 को जारी किया गया, जो एक सदी पहले 1 सितंबर, 1925 को अहमदाबाद में लागू हुई देश की पहली टीपी स्कीम (जमालपुर) के ठीक 100 साल बाद आया है। उन्होंने कहा कि यह गुजरात के स्वर्णिम इतिहास में एक नया अध्याय है, क्योंकि इतने बड़े क्षेत्र के लिए इतनी कम अवधि में ऐसा आदेश पहले कभी नहीं दिया गया था।
बुलेट ट्रेन स्टेशन क्षेत्र में परिवहन को सुगम बनाने के लिए लगभग 3 लाख वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल का रोड नेटवर्क भी बनाया जा रहा है। यह योजना न केवल सूरत के परिवहन बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगी, बल्कि इसे एक सुनियोजित और आधुनिक शहर के रूप में विकसित करने में भी मदद करेगी।
यह उपलब्धि दर्शाती है कि प्रौद्योगिकी, सरकारी विभागों के बीच समन्वय और जनभागीदारी का सही उपयोग करके विकास के लक्ष्य को कितनी तेजी से हासिल किया जा सकता है।