वडोदरा : कहोना गाँव का श्री रामानंद सेवा आश्रम अध्यात्म और प्राकृतिक खेती का संगम
महंत सीतारामदास महाराज ने बनाया 'मॉडल फार्म', 2000 से अधिक लोग ले चुके हैं प्रेरणा
करजण तालुका के कहोना गाँव स्थित श्री रामानंद सेवा आश्रम आज अध्यात्म, भक्ति और प्राकृतिक खेती का अद्वितीय केंद्र बन चुका है। आश्रम के महंत सीतारामदास महाराज पिछले 13 वर्षों से गौ-आधारित प्राकृतिक खेती कर रहे हैं और इसे समाज में प्रकृति संरक्षण का संदेश देने का साधन बना दिया है।
महंतजी का मानना है कि खेती करना प्रकृति की पूजा के समान है और प्राकृतिक खेती ही सर्वोत्तम विधि है। वर्ष 1991 में अपने गुरु पंडित अखिलेश्वर महाराज के आदेश पर उन्होंने इस आश्रम की स्थापना की थी। यहाँ गौसेवा, भजन-कीर्तन और अध्यात्मिक साधना के साथ-साथ प्रकृति संरक्षण को भी विशेष महत्व दिया जाता है। वर्तमान में आश्रम में करीब 80 देशी गायें हैं, जिनसे तैयार होने वाले जीवामृत और घनजीवामृत खेती का आधार हैं। महंतजी की 15 बीघा भूमि में नींबू, खजूर, हल्दी, गुलाब, मौसमी फल और सब्जियों की भरपूर उपज हो रही है। आज यहाँ लगभग 520 नींबू के पेड़ फल-फूल रहे हैं।
महंतजी के प्रयासों को मान्यता देते हुए उनके खेत को आत्मा परियोजना द्वारा 'मॉडल फार्म' घोषित किया गया है। अब तक 2000 से अधिक लोग इस फार्म का भ्रमण कर चुके हैं और प्राकृतिक खेती की विधियों से प्रेरणा ले चुके हैं। आसपास के किसानों को आश्रम द्वारा निःशुल्क जीवामृत और घनजीवामृत भी उपलब्ध कराया जाता है।
महंत सीतारामदास महाराज कहते हैं कि "जीवन का सच्चा उद्देश्य केवल आध्यात्मिक उन्नति ही नहीं, बल्कि प्रकृति और समाज की सेवा भी है। यदि हम प्रकृति का ध्यान रखेंगे, तो वह हमें प्रचुर फल देगी।"
आश्रम केवल खेती का केंद्र ही नहीं, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का भी प्रमुख स्थल है। यहाँ अखिलेश्वर महादेव, शनिदेव, सर्वेश्वर गणपति और हंसमुख हनुमानजी की स्थापना है। साथ ही नर्मदा परिक्रमा, नर्मदा जयंती, चुंदरी उत्सव और हनुमान जयंती जैसे पर्व धूमधाम से मनाए जाते हैं। श्री रामानंद सेवा आश्रम आज सचमुच "आध्यात्म, स्वास्थ्य और प्राकृतिक खेती" का जीवंत उदाहरण बनकर समाज को नई दिशा दिखा रहा है।