सूरत : अंतर्राष्ट्रीय कीमती कार्गो संचालन शुरू करने की दिशा में बड़ा कदम

10–12 अरब डॉलर मूल्य के हीरे-आभूषण के आयात-निर्यात की संभावना, एयरपोर्ट अथॉरिटी को विस्तृत प्रस्ताव सौंपा गया

सूरत : अंतर्राष्ट्रीय कीमती कार्गो संचालन शुरू करने की दिशा में बड़ा कदम

सूरत। सूरत अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से जल्द ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कीमती कार्गो (आयात-निर्यात) संचालन शुरू करने की दिशा में ठोस पहल की गई है।

दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष निखिल मद्रासी के नेतृत्व में 19 जुलाई 2025 को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, AAICLAS के सीईओ अजय भारद्वाज और सूरत हवाई अड्डे के निदेशक ए.एन. शर्मा के समक्ष एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई।

इस प्रस्ताव में अनुमान लगाया गया है कि सूरत से प्रति वर्ष 10–12 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के हीरे और आभूषणों का आयात-निर्यात संभव है। साथ ही, हवाई अड्डे पर समर्पित स्ट्रांग रूम सुविधा स्थापित करने की तत्काल आवश्यकता को भी रेखांकित किया गया।

7 फरवरी 2025 को तत्कालीन अध्यक्ष विजय मेवावाला और पदाधिकारियों के नेतृत्व में एयर इंडिया कार्गो टीम को सूरत बुलाया गया था। उस बैठक में चैंबर, सूरत डायमंड बुर्स, एसडीबी कस्टम्स हाउस, सूरत कस्टम्स और एयरपोर्ट कस्टम्स टीम के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। चर्चा में अंतर्राष्ट्रीय कार्गो की सीधी आवाजाही, स्ट्रांग रूम की आवश्यकता और लागत प्रभावी लॉजिस्टिक्स पर सहमति बनी थी।

3 सितंबर 2025 को चैंबर की विमानन और हवाई अड्डा समिति के अध्यक्ष लिनेश शाह और जीजेईपीसी (रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद) गुजरात के क्षेत्रीय अध्यक्ष जयंती सावलिया ने आँकड़ों और साक्ष्यों के साथ प्रस्ताव को और सशक्त बनाकर एयरपोर्ट अथॉरिटी के समक्ष रखा। इसमें सूरत को भारत का भविष्य का कीमती कार्गो हब बनाने की दृष्टि भी प्रस्तुत की गई।

प्रस्ताव की रूपरेखा तैयार करने और रणनीति बनाने में AAICLAS के पूर्व सीईओ केकू गुज़दार का मार्गदर्शन अहम रहा। अधिकारियों की मंज़ूरी मिलने के बाद यह पहल सूरत के निर्यातकों के लिए गेम-चेंजर साबित होगी और सूरत की वैश्विक कनेक्टिविटी को नई ऊँचाई प्रदान करेगी।

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