वडोदरा में योग मुद्रा वाले गणेश जी और केसुड़ा पत्तों की मूर्ति बने आकर्षण का केंद्र
योग और पर्यावरण संरक्षण का अनूठा संगम, कलाकारों ने प्राकृतिक सामग्री से दी सेहत और प्रकृति बचाने की प्रेरणा
संस्कृति और उत्सवों के शहर वडोदरा में इस बार गणेश महोत्सव नए संदेशों और अनूठी थीमों के साथ मनाया जा रहा है। हज़ारों पंडालों में से कई पंडाल इस वर्ष योग और पर्यावरण संरक्षण की थीम पर सजे हैं, जो भक्तों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
बाजवाड़ा युवक मंडल ने खत्रीवाड़ स्थित रोकड़नाथ मंदिर के पीछे बने पंडाल में भगवान गणेश को विभिन्न योग मुद्राओं में स्थापित किया है। दीवारों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योग गुरु बाबा रामदेव की योग करते हुए तस्वीरें सजाई गई हैं। साथ ही स्वस्थ जीवनशैली का संदेश देने वाले प्रेरक चित्र भी लगाए गए हैं। मंडल के आयोजकों का कहना है कि योग हमारी प्राचीन परंपरा है, जो तन और मन दोनों को स्वस्थ रखती है। युवाओं से मोबाइल से दूरी बनाकर शारीरिक गतिविधियों को अपनाने का आग्रह किया गया है।
इसके साथ ही, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में शहर के कलाकारों ने पुराने अखबार, नारियल का कचरा और पत्तों जैसी प्राकृतिक सामग्री का उपयोग कर गणेश प्रतिमाएँ तैयार की हैं। खास तौर पर करेलीबाग स्थित वल्लभ नगर सोसाइटी के श्री गणेश मंडल ने केसुड़ा के पत्तों से 9.5 फुट ऊँची प्रतिमा स्थापित की है। यह मंडल पिछले नौ वर्षों से इस परंपरा का पालन कर रहा है और मूर्ति का विसर्जन न करके उसे खाद में परिवर्तित करता है।
इस तरह वडोदरा का गणेशोत्सव केवल भक्ति और भव्यता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य, पर्यावरण और सकारात्मक जीवनशैली के प्रति जागरूकता का संदेश भी प्रसारित कर रहा है।